नोएडा और गाजियाबाद के बीच सफर करने वाले लाखों लोगों के लिए एक अच्छी खबर है। नोएडा सेक्टर-62 से गाजियाबाद तक मेट्रो सेवा शुरू करने की योजना फिर से रफ्तार पकड़ रही है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) इस बहुप्रतीक्षित मेट्रो प्रोजेक्ट को हकीकत में बदलने के लिए तेजी से काम कर रहा है।
शासन ने जीडीए से इसकी विस्तृत रिपोर्ट मांगी है, और प्राधिकरण का इंजीनियरिंग विभाग इसे तैयार करने में जुट गया है। इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 1873.31 करोड़ रुपये है, जो नोएडा और गाजियाबाद के बीच कनेक्टिविटी को नए आयाम देगा। आइए, इस खबर के हर पहलू को विस्तार से समझते हैं।
मेट्रो प्रोजेक्ट का नया अध्याय शुरू
नोएडा और गाजियाबाद, दिल्ली-एनसीआर के दो प्रमुख शहर, लंबे समय से बेहतर परिवहन सुविधाओं की मांग कर रहे हैं। इस मेट्रो रूट के साथ, नोएडा सेक्टर-62 से साहिबाबाद तक की दूरी को आसानी से तय करने का सपना साकार होने की ओर बढ़ रहा है। जीडीए ने इस प्रोजेक्ट को मेट्रो फेज-3 के तहत पुनर्जनन किया है, जिसकी शुरुआत मूल रूप से 2016 में हुई थी। उस समय दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की थी, लेकिन लागत अधिक होने के कारण यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई थी।
अब, शासन के नए निर्देशों के साथ, जीडीए ने संशोधित डीपीआर तैयार की है और इसे जल्द ही मंजूरी के लिए भेजने की तैयारी कर रहा है। जीडीए के प्रभारी मुख्य अभियंता मानवेंद्र सिंह ने बताया, “हमें शासन से इस प्रोजेक्ट की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश मिला है। हम इसे जल्द से जल्द पूरा कर भेजेंगे।” यह मेट्रो रूट न केवल नोएडा और गाजियाबाद को जोड़ेगा, बल्कि मेट्रो की रेड लाइन और ब्लू लाइन को भी आपस में कनेक्ट करेगा।
कितनी होगी लागत और रूट की लंबाई?
इस मेट्रो प्रोजेक्ट की लागत और योजना को समझना जरूरी है। संशोधित डीपीआर के अनुसार, नोएडा से साहिबाबाद तक मेट्रो रूट की लंबाई 5.017 किलोमीटर होगी। इसकी कुल लागत 1873.31 करोड़ रुपये आंकी गई है। पहले तैयार डीपीआर में इसकी लागत 1517 करोड़ रुपये थी, लेकिन नई योजना में बदलाव और अतिरिक्त सुविधाओं के कारण लागत में 356.31 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है।
यह रूट नोएडा सेक्टर-62 से शुरू होकर साहिबाबाद तक जाएगा, जिसमें पांच मेट्रो स्टेशन प्रस्तावित हैं। इन स्टेशनों के नाम अभी अंतिम रूप से घोषित नहीं किए गए हैं, लेकिन संभावना है कि ये प्रमुख इलाकों जैसे वैभव खंड, डीपीएस इंदिरापुरम, शक्ति खंड, वसुंधरा सेक्टर-7, और साहिबाबाद को कवर करेंगे। यह प्रोजेक्ट न केवल दूरी को कम करेगा, बल्कि यात्रियों को तेज और सुविधाजनक परिवहन का विकल्प भी देगा।
नमो भारत ट्रेन के साथ कनेक्टिविटी
इस मेट्रो प्रोजेक्ट की सबसे खास बात यह है कि यह साहिबाबाद में नमो भारत ट्रेन के स्टेशन से जुड़ेगा। जीडीए की योजना के मुताबिक, साहिबाबाद मेट्रो स्टेशन को एक फुटओवर ब्रिज के जरिए नमो भारत स्टेशन से जोड़ा जाएगा। इससे यात्रियों को एक ट्रेन से दूसरी ट्रेन में आसानी से बदलने की सुविधा मिलेगी।
मानवेंद्र सिंह ने कहा, “इस कनेक्टिविटी से नोएडा, गाजियाबाद और दिल्ली के बीच यात्रा और भी आसान हो जाएगी। नमो भारत ट्रेन और मेट्रो का यह संगम क्षेत्र की परिवहन व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा।” यह कदम खास तौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद होगा जो मेरठ, दिल्ली, और नोएडा के बीच रोजाना सफर करते हैं।
2.5 लाख लोगों को मिलेगा फायदा
नोएडा से साहिबाबाद मेट्रो रूट के शुरू होने से करीब ढाई लाख लोगों को सीधा लाभ मिलने की उम्मीद है। यह प्रोजेक्ट मेट्रो की रेड लाइन (दिलशाद गार्डन से नया बस अड्डा) और ब्लू लाइन (नोएडा से वैशाली) को जोड़ेगा। इससे न केवल नोएडा और गाजियाबाद के बीच आवागमन आसान होगा, बल्कि दिल्ली-एनसीआर के व्यापक क्षेत्र में कनेक्टिविटी बेहतर होगी।

प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि इस रूट से ट्रैफिक जाम की समस्या में भी कमी आएगी। रोजाना सड़कों पर वाहनों की भीड़ से जूझने वाले लोग मेट्रो की सुविधा का इस्तेमाल कर समय और ऊर्जा बचा सकेंगे। यह खास तौर पर उन छात्रों, नौकरीपेशा लोगों और व्यापारियों के लिए राहत की खबर है जो इन दोनों शहरों के बीच नियमित रूप से सफर करते हैं।
तकनीकी और फंडिंग की चुनौतियां
हर बड़े प्रोजेक्ट की तरह, इस मेट्रो योजना के सामने भी कुछ चुनौतियां हैं। सबसे बड़ी चुनौती है फंडिंग का इंतजाम। जीडीए ने पहले भी शासन को फंडिंग पैटर्न के बारे में पत्र लिखा था, लेकिन उस समय प्रोजेक्ट आगे नहीं बढ़ सका। अब संशोधित डीपीआर के साथ, फंडिंग का ढांचा तय करना जरूरी होगा।
अनुमान है कि इसकी लागत का 20% हिस्सा केंद्र सरकार वहन कर सकती है, जबकि बाकी 80% में उत्तर प्रदेश सरकार, जीडीए, और आवास विकास परिषद की भागीदारी होगी। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इसका बंटवारा कैसे होगा। इसके अलावा, जमीन अधिग्रहण और तकनीकी बदलाव भी इस प्रोजेक्ट की राह में रोड़े बन सकते हैं। फिर भी, जीडीए और डीएमआरसी इसे समय पर पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध दिखाई दे रहे हैं।
टेक्नोलॉजी और परिवहन का भविष्य
यह मेट्रो प्रोजेक्ट न केवल एक परिवहन सुविधा है, बल्कि यह दिल्ली-एनसीआर में स्मार्ट सिटी की अवधारणा को मजबूत करने की दिशा में भी एक कदम है। आधुनिक तकनीक से लैस यह मेट्रो रूट पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद होगा। कम वाहन उपयोग से प्रदूषण में कमी आएगी और ईंधन की खपत भी घटेगी।
डीएमआरसी पहले से ही अपनी तकनीकी विशेषज्ञता के लिए जानी जाती है। इस प्रोजेक्ट में भी यात्रियों की सुरक्षा और आराम को प्राथमिकता दी जाएगी। नमो भारत ट्रेन के साथ इसका एकीकरण इसे और भी प्रभावी बनाएगा, जिससे यह क्षेत्रीय परिवहन का एक मॉडल बन सकता है।
क्या होगा असर?
नोएडा से गाजियाबाद मेट्रो रूट का शुरू होना कई मायनों में गेम-चेंजर साबित हो सकता है। सबसे पहले, यह दोनों शहरों के बीच आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देगा। बेहतर कनेक्टिविटी से व्यापार, नौकरियां, और रियल एस्टेट क्षेत्र में तेजी आएगी। दूसरा, यह आम लोगों के जीवन को आसान बनाएगा, खास तौर पर उन लोगों के लिए जो रोजाना ट्रैफिक की परेशानी से गुजरते हैं।
इसके अलावा, यह प्रोजेक्ट अन्य शहरों के लिए भी एक नजीर बन सकता है। अगर यह सफल होता है, तो उत्तर प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी ऐसी योजनाएं शुरू हो सकती हैं। यह सरकार की उस सोच को भी दर्शाता है जो शहरी विकास और तकनीकी प्रगति को एक साथ जोड़ना चाहती है।
आपकी राय क्या है?
नोएडा से गाजियाबाद तक मेट्रो प्रोजेक्ट को लेकर आप क्या सोचते हैं? क्या यह वास्तव में ढाई लाख लोगों के लिए राहत लेकर आएगा, या फिर इसमें और सुधार की गुंजाइश है? क्या आपको लगता है कि सरकार को फंडिंग और समयसीमा पर और पारदर्शिता बरतनी चाहिए? अपनी राय हमारे साथ कमेंट सेक्शन में जरूर साझा करें। आपकी प्रतिक्रिया इस खबर को और भी रोचक बना सकती है!
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निष्कर्ष
नोएडा सेक्टर-62 से गाजियाबाद तक मेट्रो रूट का यह प्रोजेक्ट एक बड़ी उम्मीद की किरण है। 1873.31 करोड़ रुपये की लागत और 5.017 किलोमीटर की दूरी के साथ, यह योजना न केवल कनेक्टिविटी को बेहतर करेगी, बल्कि लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव भी लाएगी। नमो भारत ट्रेन के साथ इसका जुड़ाव इसे और भी खास बनाता है। अब देखना यह है कि यह प्रोजेक्ट कब तक जमीन पर उतरता है और लोगों की उम्मीदों पर कितना खरा उतरता है। तब तक, इस खबर पर नजर बनाए रखें और अपने विचार साझा करना न भूलें!
