सहेली स्मार्ट कार्ड: दिल्ली में महिलाओं और ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए मुफ्त बस यात्रा की सुविधा को और अधिक सुरक्षित, सुगम और पारदर्शी बनाने के लिए दिल्ली सरकार ने सहेली स्मार्ट कार्ड योजना की शुरुआत की है। यह योजना पूर्ववर्ती आम आदमी पार्टी (AAP) द्वारा शुरू की गई ‘पिंक टिकट’ प्रणाली को प्रतिस्थापित करेगी।
हालांकि, नई बीजेपी सरकार ने इस योजना में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिसके तहत अब केवल दिल्ली की निवासी महिलाएं और ट्रांसजेंडर ही इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। इस लेख में हम सहेली स्मार्ट कार्ड की पात्रता, शर्तें, और इसके लाभों के बारे में विस्तार से जानेंगे।
सहेली स्मार्ट कार्ड क्या है?
सहेली स्मार्ट कार्ड एक डिजिटल यात्रा पास है, जो दिल्ली परिवहन निगम (DTC) और क्लस्टर बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा प्रदान करता है। यह कार्ड नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (NCMC) के तहत जारी किया जाएगा, जिसमें कार्डधारक का नाम और फोटो होगा। यह कार्ड न केवल मुफ्त बस यात्रा के लिए है, बल्कि इसमें रिचार्ज और टॉप-अप की सुविधा भी होगी, जिससे इसे दिल्ली मेट्रो और अन्य सार्वजनिक परिवहन सेवाओं में भी इस्तेमाल किया जा सकेगा। इस योजना का शुभारंभ 15 अगस्त 2025 (स्वतंत्रता दिवस) को होने की संभावना है।
नई शर्तें और पात्रता मानदंड
नई बीजेपी सरकार ने मुफ्त बस यात्रा योजना को केवल दिल्ली की निवासी महिलाओं और ट्रांसजेंडर व्यक्तियों तक सीमित कर दिया है। पहले यह सुविधा दिल्ली में रहने वाली किसी भी राज्य की महिलाओं के लिए उपलब्ध थी, लेकिन अब सख्त पात्रता मानदंड लागू किए गए हैं। निम्नलिखित शर्तें पूरी करनी होंगी:
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- निवास प्रमाण: आवेदक को दिल्ली का स्थायी निवासी होना चाहिए। इसके लिए निम्नलिखित दस्तावेजों में से कोई एक जरूरी है:
- दिल्ली की वोटर आईडी
- राशन कार्ड
- बिजली बिल
- आधार कार्ड (जिसमें दिल्ली का पता हो)
- आयु सीमा: आवेदक की आयु 12 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए। इसमें लड़कियां, वयस्क महिलाएं, और सीनियर सिटिजन महिलाएं शामिल हैं। ट्रांसजेंडर व्यक्ति भी इस योजना के लिए पात्र हैं।
- आवश्यक दस्तावेज:
- आधार कार्ड
- निवास प्रमाण (उपरोक्त में से कोई एक)
- पैन कार्ड (वैकल्पिक, लेकिन कुछ बैंकों द्वारा मांगा जा सकता है)
- पासपोर्ट साइज फोटो
- पंजीकरण प्रक्रिया:
- आवेदक को DTC के ऑनलाइन पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा।
- एक भागीदार बैंक का चयन करना होगा, जहां पूर्ण KYC स ty verification पूरा करना होगा।
- कार्ड जारी होने के बाद इसे DTC के ऑटोमैटिक फेयर कलेक्शन सिस्टम (AFCS) के माध्यम से सक्रिय करना होगा।
सहेली स्मार्ट कार्ड की विशेषताएं
विशेषता | विवरण |
---|---|
मुफ्त यात्रा | DTC और क्लस्टर बसों में दिल्ली की निवासी महिलाओं और ट्रांसजेंडर के लिए मुफ्त। |
NCMC एकीकरण | मेट्रो और अन्य परिवहन सेवाओं में रिचार्ज के साथ उपयोग संभव। |
वैयक्तिकृत कार्ड | कार्ड पर नाम और फोटो, जिससे दुरुपयोग रोका जा सके। |
डिजिटल प्रणाली | पेपरलेस और पारदर्शी, टिकटिंग में भ्रष्टाचार को कम करने के लिए। |
आजीवन वैधता | कार्ड की वैधता आजीवन होगी, बार-बार नवीनीकरण की जरूरत नहीं। |
सुरक्षा और सुविधा | सुरक्षित और सुगम यात्रा अनुभव, विशेष रूप से महिलाओं और ट्रांसजेंडर के लिए। |
क्यों बदली गई पिंक टिकट योजना?
पिछली AAP सरकार द्वारा 2019 में शुरू की गई पिंक टिकट योजना के तहत महिलाओं को DTC बसों में मुफ्त यात्रा के लिए गुलाबी टिकट जारी किए जाते थे। इस योजना के तहत सरकार बस ऑपरेटरों को प्रति टिकट 10 रुपये की प्रतिपूर्ति करती थी। हालांकि, बीजेपी सरकार और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस प्रणाली में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। एक CAG रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने दावा किया कि इस योजना में करोड़ों रुपये का दुरुपयोग हुआ।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा, “पिंक टिकट योजना में भ्रष्टाचार था। महिलाएं 100 रुपये की यात्रा करती थीं, लेकिन बिल 400 रुपये का बनाया जाता था। हम इसे सहेली स्मार्ट कार्ड से बदल रहे हैं, ताकि पारदर्शिता सुनिश्चित हो और केवल पात्र व्यक्तियों को लाभ मिले।”
किन महिलाओं को नहीं मिलेगा लाभ?

नई शर्तों के अनुसार, निम्नलिखित महिलाएं मुफ्त बस यात्रा का लाभ नहीं उठा सकेंगी:
- गैर-दिल्ली निवासी: जो महिलाएं दिल्ली में रहती हैं, लेकिन उनका स्थायी पता दिल्ली का नहीं है।
- 12 वर्ष से कम आयु की लड़कियां: आयु सीमा के कारण वे इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगी।
- दस्तावेजों की कमी: जिनके पास दिल्ली का निवास प्रमाण (वोटर आईडी, राशन कार्ड, या बिजली बिल) नहीं है।
- KYC पूर्ण न करने वाली: जिन्होंने पंजीकरण और KYC प्रक्रिया पूरी नहीं की।
हालांकि, सरकार ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि गैर-पात्र महिलाओं के लिए किराए में कोई रियायत दी जाएगी या नहीं। इस संबंध में जल्द ही और जानकारी आने की उम्मीद है।
दिल्ली में परिवहन पर निवेश
2025-26 के बजट में, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली के सार्वजनिक परिवहन के लिए 12,952 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो पिछले वर्ष के 9,337 करोड़ रुपये से काफी अधिक है। इस निवेश का उपयोग DTC के बेड़े में 2,152 इलेक्ट्रिक बसों को और जोड़ने और 5,000 नई बसें शामिल करने के लिए किया जाएगा।
लोगों के लिए सलाह
- जल्दी पंजीकरण करें: सहेली स्मार्ट कार्ड के लिए पंजीकरण प्रक्रिया जल्द शुरू होने वाली है। समय पर आवेदन करें।
- दस्तावेज तैयार रखें: निवास प्रमाण और अन्य आवश्यक दस्तावेज पहले से तैयार करें।
- KYC प्रक्रिया: भागीदार बैंक में KYC पूरी करने के लिए समय निकालें।
- कार्ड की सुरक्षा: कार्ड खो जाने पर तुरंत बैंक को सूचित करें, क्योंकि प्रतिस्थापन के लिए शुल्क लग सकता है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
1. सहेली स्मार्ट कार्ड क्या है?
यह एक डिजिटल यात्रा पास है, जो दिल्ली की निवासी महिलाओं और ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को DTC और क्लस्टर बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा देता है। यह NCMC के तहत जारी किया जाएगा।
2. सहेली स्मार्ट कार्ड के लिए कौन पात्र है?
12 वर्ष या उससे अधिक आयु की दिल्ली की निवासी महिलाएं और ट्रांसजेंडर, जिनके पास दिल्ली का निवास प्रमाण (वोटर आईडी, राशन कार्ड, या बिजली बिल) हो।
3. किन महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा का लाभ नहीं मिलेगा?
गैर-दिल्ली निवासी, 12 वर्ष से कम आयु की लड़कियां, और जिनके पास निवास प्रमाण या KYC पूर्ण नहीं है, वे पात्र नहीं होंगी।
4. सहेली स्मार्ट कार्ड कैसे प्राप्त करें?
DTC पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकरण करें, एक भागीदार बैंक चुनें, KYC पूरा करें, और कार्ड प्राप्त होने पर इसे AFCS के माध्यम से सक्रिय करें।
5. क्या कार्ड के लिए कोई शुल्क देना होगा?
यात्रा मुफ्त है, लेकिन बैंक कार्ड जारी करने या रखरखाव के लिए नाममात्र शुल्क ले सकता है।
6. क्या यह कार्ड मेट्रो में भी काम करेगा?
हां, रिचार्ज करने पर इसे मेट्रो और अन्य परिवहन सेवाओं में इस्तेमाल किया जा सकता है।
निष्कर्ष
सहेली स्मार्ट कार्ड योजना दिल्ली में महिलाओं और ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए सार्वजनिक परिवहन को अधिक सुरक्षित और सुगम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि, नई शर्तों के कारण कुछ महिलाएं इस सुविधा से वंचित रह सकती हैं।
सरकार का दावा है कि यह योजना भ्रष्टाचार को खत्म करेगी और केवल पात्र व्यक्तियों को लाभ सुनिश्चित करेगी। दिल्लीवासियों को सलाह दी जाती है कि वे जल्द से जल्द पंजीकरण प्रक्रिया पूरी करें और इस योजना का लाभ उठाएं।
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