दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 900 करोड़ की लागत से बनेंगे 18,996 स्मार्ट क्लासरूम

दिल्ली सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है, जिसके तहत राजधानी के सरकारी स्कूलों में 18,996 नए स्मार्ट क्लासरूम बनाए जाएंगे। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए 900 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया गया है,

जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को आधुनिक और तकनीकी रूप से सक्षम बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह निर्णय मंगलवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में हुई दिल्ली कैबिनेट की 10वीं बैठक में लिया गया।

स्मार्ट क्लासरूम

स्मार्ट क्लासरूम आधुनिक तकनीक से लैस कक्षाएं हैं, जिनमें डिजिटल ब्लैकबोर्ड, इंटरैक्टिव स्क्रीन, इंटरनेट-आधारित शिक्षण उपकरण, और लर्निंग मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर शामिल हैं। ये उपकरण छात्रों के लिए सीखने की प्रक्रिया को रोचक और वैयक्तिकृत बनाते हैं,

साथ ही शिक्षकों को पढ़ाने में सहायता प्रदान करते हैं। दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने बताया कि इस परियोजना का लक्ष्य सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों से बेहतर बनाना है, ताकि हर बच्चे को विश्वस्तरीय शिक्षा मिल सके।

2029-30 तक 21,412 स्मार्ट क्लासरूम का लक्ष्य

दिल्ली सरकार ने अगले पांच वर्षों में हर साल लगभग 4,000 स्मार्ट क्लासरूम बनाने की योजना बनाई है। इस योजना के तहत 2029-30 तक दिल्ली के सरकारी स्कूलों में कुल 21,412 स्मार्ट क्लासरूम होंगे। वर्तमान में दिल्ली के 1,053 सरकारी स्कूलों में 37,778 क्लासरूम हैं,

जिनमें से केवल 799 में स्मार्ट बोर्ड उपलब्ध हैं, और वे भी कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) के तहत लगाए गए थे। शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा, “पिछले 10 सालों में केवल 799 स्मार्ट बोर्ड लगे, लेकिन अब हम 21,000 से अधिक स्मार्ट क्लासरूम बनाकर शिक्षा में क्रांति लाएंगे।”

यह भी पढ़े: दिल्ली में इन महिलाओं को नहीं मिलेगा फ्री बस सर्विस का लाभ? सरकार ने सहेली स्मार्ट कार्ड के लिए जोड़ी ये शर्तें

दिल्ली से गुरुग्राम अब सिर्फ 15 मिनट में: नितिन गडकरी की टनल परियोजना का जादू!

सीएम श्री स्कूलों में प्राथमिकता

इस परियोजना के पहले चरण में 75 सीएम श्री स्कूलों में 2,446 स्मार्ट ब्लैकबोर्ड स्थापित किए जाएंगे, जिनके लिए टेंडर प्रक्रिया अंतिम चरण में है।

ये स्कूल दिल्ली सरकार की प्राथमिकता हैं, जो राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचे (NCF) 2023 और NEP 2020 के अनुरूप बनाए जा रहे हैं। इन स्कूलों में आधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ-साथ समग्र शैक्षिक अनुभव प्रदान करने पर जोर दिया जा रहा है।

शिक्षक प्रशिक्षण और समावेशी दृष्टिकोण

इस परियोजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा शिक्षकों के लिए विशेष प्रशिक्षण मॉड्यूल है, जो उन्हें स्मार्ट बोर्ड और डिजिटल शिक्षण उपकरणों का प्रभावी उपयोग करने में सक्षम बनाएगा। शिक्षा मंत्री ने बताया कि यह योजना न केवल दिल्ली के केंद्रीय क्षेत्रों बल्कि नजफगढ़, नरेला, सीमापुरी, महावीर एन्क्लेव, और किरारी जैसे कम सुविधा वाले क्षेत्रों तक पहुंचेगी, ताकि शिक्षा का डिजिटल लाभ सभी बच्चों तक पहुंचे।

अन्य शैक्षिक पहल

इसके अलावा, दिल्ली सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में कई अन्य योजनाओं को मंजूरी दी है:

  • डिजिटल लाइब्रेरी और भाषा लैब: 175 डिजिटल लाइब्रेरी और 100 एपीजे अब्दुल कलाम भाषा लैब स्थापित किए जाएंगे, जहां अंग्रेजी, फ्रेंच, और जर्मन जैसी भाषाओं की पढ़ाई होगी।
  • मुफ्त लैपटॉप: कक्षा 10 से 11 में जाने वाले 1,200 मेधावी छात्रों को मुफ्त लैपटॉप दिए जाएंगे, जिसके लिए 7.5 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया गया है।
  • नरेला में शिक्षा हब: 500 करोड़ रुपये की लागत से नरेला में एक शिक्षा हब बनाया जाएगा।
  • खेल विश्वविद्यालय: दिल्ली में एक खेल विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी।

स्मार्ट क्लासरूम की विशेषताएं और प्रभाव

विशेषताविवरण
उपकरणडिजिटल ब्लैकबोर्ड, इंटरैक्टिव स्क्रीन, इंटरनेट-आधारित शिक्षण उपकरण, लर्निंग मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर
लक्ष्यकक्षा 9 से 12 के छात्रों के लिए वैयक्तिकृत और अनुभवात्मक शिक्षा
चरणपांच चरणों में 18,996 स्मार्ट क्लासरूम, 2029-30 तक कुल 21,412
प्रारंभिक चरण75 सीएम श्री स्कूलों में 2,446 स्मार्ट ब्लैकबोर्ड
शिक्षक प्रशिक्षणडिजिटल शिक्षण के लिए विशेष प्रशिक्षण मॉड्यूल
लागत900 करोड़ रुपये
प्रभावसरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों से बेहतर बनाना, डिजिटल डिवाइड को कम करना

सोशल मीडिया पर उत्साह

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इस घोषणा को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखा जा रहा है। एक यूजर ने लिखा, “दिल्ली के सरकारी स्कूल अब प्राइवेट स्कूलों को टक्कर देंगे। यह शिक्षा में क्रांति है!” एक अन्य यूजर ने कहा, “शिक्षा मंत्री आशीष सूद और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की यह पहल दिल्ली के बच्चों के भविष्य को उज्ज्वल करेगी।”

पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. स्मार्ट क्लासरूम में क्या सुविधाएं होंगी?
स्मार्ट क्लासरूम में डिजिटल ब्लैकबोर्ड, इंटरैक्टिव स्क्रीन, इंटरनेट कनेक्टिविटी, और लर्निंग मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर होंगे, जो छात्रों को अनुभवात्मक और वैयक्तिकृत शिक्षा प्रदान करेंगे।

2. यह योजना कब पूरी होगी?
यह परियोजना पांच चरणों में 2029-30 तक पूरी होगी, जिसमें हर साल लगभग 4,000 स्मार्ट क्लासरूम बनाए जाएंगे। पहले चरण में 4,466 क्लासरूम इस साल के अंत तक तैयार होंगे।

3. क्या यह योजना केवल चुनिंदा स्कूलों तक सीमित है?
नहीं, यह योजना नजफगढ़, नरेला, सीमापुरी जैसे कम सुविधा वाले क्षेत्रों के स्कूलों तक भी पहुंचेगी, ताकि सभी बच्चों को समान अवसर मिलें।

4. शिक्षकों को इस बदलाव के लिए कैसे तैयार किया जाएगा?
शिक्षकों के लिए एक विशेष प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार किया गया है, जो उन्हें स्मार्ट बोर्ड और डिजिटल उपकरणों का उपयोग करने में सक्षम बनाएगा।

5. क्या स्मार्ट क्लासरूम सभी कक्षाओं के लिए होंगे?
फिलहाल यह योजना कक्षा 9 से 12 के लिए है, लेकिन भविष्य में इसे अन्य कक्षाओं तक विस्तारित किया जा सकता है।

निष्कर्ष

दिल्ली सरकार की यह 900 करोड़ रुपये की योजना सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों से बेहतर बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत शुरू की गई इस पहल से न केवल दिल्ली के 1.8 मिलियन छात्रों को आधुनिक शिक्षा का लाभ मिलेगा, बल्कि डिजिटल डिवाइड को कम करने में भी मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और शिक्षा मंत्री आशीष सूद की इस दूरदर्शी सोच ने दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था में एक नया अध्याय शुरू किया है, जो भविष्य में देश के अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा बन सकता है।

यह भी पढ़े: दिल्ली मेट्रो स्टेशनों के बाहर नया Scam: देशभक्ति और एनजीओ के नाम पर ठगी, रहें सावधान!

Leave a Comment