गाजियाबाद के विवेकानंद नगर में बुधवार देर रात हुई मूसलाधार बारिश ने एक परिवार की खुशियाँ छीन लीं। तेज बारिश के कारण नाले के किनारे बनी एक झुग्गी की दीवार अचानक ढह गई, जिसके मलबे में दबकर 30 वर्षीय जुनैदा खातून नाले में बह गईं।
पुलिस और दमकल विभाग की कड़ी मशक्कत के बाद गुरुवार सुबह उनका शव लोहा मंडी के पास, घटनास्थल से लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर, नाले से बरामद किया गया। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है, और पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है।
हादसे का विवरण
बुधवार रात करीब 10 बजे, गाजियाबाद के कविनगर थाना क्षेत्र के विवेकानंद नगर में भारी बारिश के कारण नाले के किनारे की मिट्टी खिसक गई। इससे नाले की दीवार और उससे सटी एक झुग्गी की दीवार ढह गई। जुनैदा खातून, जो बिहार के खगड़िया जिले की रहने वाली थीं,
उस समय अपने दो छोटे बच्चों के साथ झुग्गी में थीं। बताया जाता है कि वह दीवार के पास बर्तन साफ कर रही थीं, जबकि उनके बच्चे झोपड़ी में सो रहे थे। अचानक दीवार गिरने से जुनैदा का संतुलन बिगड़ा, और वह तेज बहाव वाले नाले में जा गिरीं।
स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस और दमकलकर्मियों ने रात में ही रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया, लेकिन तेज बहाव और अंधेरे के कारण तलाश में मुश्किलें आईं।
गुरुवार सुबह करीब 8:30 बजे, जब नाले का जलस्तर कुछ कम हुआ, तब पुलिस ने जुनैदा का शव लोहा मंडी के पास बरामद किया। सहायक पुलिस आयुक्त (कविनगर सर्कल) भास्कर वर्मा ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है, और हादसे के कारणों की जांच की जा रही है।
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
जुनैदा के पति, मोहम्मद इरशाद, जो एक दिहाड़ी मजदूर हैं, इस हादसे के बाद सदमे में हैं। उनके दो छोटे बच्चे, जो उस समय झुग्गी में सो रहे थे, अपनी माँ को खोने के गम में रो-रोकर बेहाल हैं। स्थानीय लोगों ने परिवार को सांत्वना देने की कोशिश की, लेकिन इस अपूरणीय क्षति ने सभी को झकझोर कर रख दिया। जुनैदा का परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा था, और अब उनके सामने अनिश्चित भविष्य की चुनौती है।
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बारिश से गाजियाबाद में बढ़ी मुश्किलें
यह हादसा गाजियाबाद में भारी बारिश के कारण उत्पन्न हुई समस्याओं का एक दुखद उदाहरण है। मौसम विभाग के अनुसार, गाजियाबाद सहित एनसीआर क्षेत्र में मानसून की सक्रियता के कारण अगले कुछ दिनों तक बारिश जारी रह सकती है। नालों की खराब स्थिति और अनियोजित निर्माण इस तरह के हादसों को और बढ़ावा दे रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने नगर निगम पर नालों की सफाई और सुरक्षा उपायों की कमी का आरोप लगाया है।
सुरक्षा उपायों की कमी
विवेकानंद नगर के निवासियों का कहना है कि नाले के किनारे बनी झुग्गियाँ लंबे समय से खतरे की जद में हैं। नाले की दीवारें पुरानी और कमजोर हैं, और बारिश के मौसम में मिट्टी खिसकने का खतरा हमेशा बना रहता है। इसके बावजूद, प्रशासन ने इन क्षेत्रों में कोई ठोस कदम नहीं उठाया। पहले भी गाजियाबाद में नालों में गिरने से बच्चों और वयस्कों की मौत के मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हुआ है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
पुलिस और नगर निगम ने हादसे के बाद क्षेत्र में नालों की स्थिति का जायजा लेना शुरू किया है। स्थानीय प्रशासन ने प्रभावित परिवार को सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है। साथ ही, नालों को ढकने और उनके किनारे अवैध निर्माण को हटाने की योजना पर विचार किया जा रहा है। हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसी योजनाएँ हर बारिश के मौसम में बनती हैं, लेकिन अमल में नहीं आतीं।
गाजियाबाद में बारिश से हुए हादसों का लेखा-जोखा
विवरण | विवेकानंद नगर हादसा (2025) | लोनी हादसा (2024) |
---|---|---|
तारीख | 9 जुलाई 2025 | 13 सितंबर 2024 |
स्थान | विवेकानंद नगर, कविनगर | लोनी बॉर्डर, लक्ष्मी गार्डन |
हादसे का कारण | नाले की दीवार ढहना | मकान की छत और दीवार गिरना |
मृतक | जुनैदा खातून (30 वर्ष) | सुंदरी देवी (52 वर्ष) |
घायल | कोई नहीं | दो बेटियाँ (लक्ष्मी, वर्षा) |
प्रशासन की कार्रवाई | शव बरामद, पोस्टमार्टम | शव बरामद, पोस्टमार्टम, घायलों का इलाज |
मौसम की स्थिति | भारी बारिश | रुक-रुककर बारिश |
बारिश से बचाव के लिए क्या करें?
गाजियाबाद में बारिश के मौसम में इस तरह के हादसों से बचने के लिए कुछ सावधानियाँ बरतना जरूरी है:
- नालों के किनारे न रहें: बारिश के दौरान नालों के पास रहने से बचें, खासकर अगर वहाँ पुरानी या कमजोर संरचनाएँ हों।
- मजबूत आवास: झुग्गियों या कच्चे मकानों में रहने वाले लोग बारिश से पहले अपने घर की दीवारों और छत की जाँच करें।
- सूचना दें: किसी भी खतरे की स्थिति में तुरंत पुलिस या स्थानीय प्रशासन को सूचित करें।
- बच्चों की निगरानी: बच्चों को नालों या जलभराव वाले क्षेत्रों के पास खेलने से रोकें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
1. गाजियाबाद में यह हादसा कब और कहाँ हुआ?
हादसा 9 जुलाई 2025 की रात को गाजियाबाद के विवेकानंद नगर, कविनगर थाना क्षेत्र में हुआ।
2. मृतक महिला कौन थी?
मृतक का नाम जुनैदा खातून था, जो बिहार के खगड़िया की रहने वाली थीं और 30 वर्ष की थीं।
3. हादसे का कारण क्या था?
भारी बारिश के कारण नाले की दीवार ढह गई, जिसके मलबे में दबकर जुनैदा खातून नाले में बह गईं।
4. पुलिस ने क्या कार्रवाई की?
पुलिस ने गुरुवार सुबह शव को लोहा मंडी के पास नाले से बरामद किया और पोस्टमार्टम के लिए भेजा। मामले की जांच जारी है।
5. क्या इस तरह के हादसों को रोका जा सकता है?
हाँ, नालों की नियमित सफाई, मजबूत दीवारें, और अवैध निर्माण पर रोक लगाकर ऐसे हादसों को कम किया जा सकता है।
6. गाजियाबाद में बारिश की स्थिति कैसी है?
मौसम विभाग के अनुसार, गाजियाबाद में अगले कुछ दिनों तक बारिश जारी रह सकती है, जिसके कारण जलभराव और हादसों का खतरा बना हुआ है।
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