दिल्ली में आधार कार्ड जारी करने की प्रक्रिया में बड़े बदलाव की तैयारी चल रही है। Delhi के मुख्य सचिव धर्मेंद्र ने उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना को एक पत्र लिखकर आधार कार्ड के लिए सख्त नियम लागू करने का अनुरोध किया है।
यह कदम राष्ट्रीय राजधानी में अवैध प्रवासियों द्वारा फर्जी दस्तावेजों के जरिए आधार कार्ड हासिल करने की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए उठाया गया है। इस पत्र में मुख्य सचिव ने 15 जुलाई, 2025 तक Delhi के सभी आधार नामांकन केंद्रों की विस्तृत सूची और उनकी कार्यप्रणाली की जानकारी उपलब्ध कराने की मांग की है।
पत्र में क्या है खास?
मुख्य सचिव धर्मेंद्र ने अपने पत्र में सुरक्षा समीक्षा बैठकों के दौरान सामने आई गंभीर समस्याओं का जिक्र किया है। उन्होंने बताया कि अवैध प्रवासी झूठे दस्तावेजों और गलत बयानी के आधार पर आधार कार्ड बनवा रहे हैं।
ये आधार कार्ड न केवल सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए इस्तेमाल हो रहे हैं, बल्कि इनके जरिए पासपोर्ट, पैन कार्ड और मतदाता पहचान पत्र जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज भी बनाए जा रहे हैं। इससे न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा हो रहा है, बल्कि स्थानीय श्रम बाजार पर भी बुरा असर पड़ रहा है।
पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने 14 अक्टूबर, 2022 को एक कार्यालय ज्ञापन जारी किया था, जिसमें सभी रजिस्ट्रारों और नामांकन एजेंसियों को 31 मार्च, 2023 तक आउटसोर्सिंग मॉडल से इन-हाउस मॉडल में शिफ्ट करने का निर्देश दिया गया था।
हालांकि, Delhi में यह व्यवस्था अभी तक लागू नहीं हो पाई है। इसके चलते उपराज्यपाल ने सभी रजिस्ट्रारों को आधार (नामांकन और अद्यतन) विनियम, 2016 का सख्ती से पालन करने और दो महीने के भीतर इन-हाउस मॉडल को अपनाने का आदेश दिया है।
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अवैध प्रवासियों का प्रभाव
अवैध प्रवासियों द्वारा आधार कार्ड का दुरुपयोग न केवल सरकारी योजनाओं को प्रभावित कर रहा है, बल्कि यह स्थानीय रोजगार के अवसरों को भी कम कर रहा है। ये प्रवासी आधार कार्ड के जरिए नौकरियां हासिल कर रहे हैं, जिससे दिल्ली के स्थानीय युवाओं को नौकरी मिलने में मुश्किल हो रही है। इसके अलावा, फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बनाए गए आधार कार्डों का उपयोग मतदाता सूची में शामिल होने और नागरिकता के दावे के लिए भी किया जा रहा है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बन रहा है।
नए नियमों की जरूरत क्यों?
मुख्य सचिव ने अपने पत्र में सुझाव दिया है कि आधार कार्ड जारी करने की प्रक्रिया में सत्यापन और निगरानी को और मजबूत करने की आवश्यकता है। UIDAI ने भी इस दिशा में कदम उठाने का फैसला किया है और भविष्य में वयस्कों के लिए आधार कार्ड बनवाने के लिए पासपोर्ट, राशन कार्ड, जन्म प्रमाणपत्र और मैट्रिकुलेशन प्रमाणपत्र जैसे दस्तावेजों के ऑनलाइन डेटाबेस का उपयोग करने की योजना बनाई है। इसके अलावा, एक नया टूल विकसित किया गया है जो दस्तावेजों की दोहरी जांच करेगा, ताकि फर्जी दस्तावेजों का उपयोग रोका जा सके।
आधार नामांकन केंद्रों की स्थिति
उपराज्यपाल ने सभी आधार नामांकन केंद्रों की कार्यप्रणाली का विस्तृत विवरण मांगा है, जिसमें यह स्पष्ट करना होगा कि केंद्रों में उपयोग होने वाली मशीनें और ऑपरेटर सरकारी हैं या किसी मैनपावर हायरिंग एजेंसी से नियुक्त किए गए हैं। यह कदम आधार प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने के लिए उठाया गया है।
नए नियमों की विशेषताएं और प्रभाव
विशेषता | प्रभाव |
---|---|
इन-हाउस मॉडल का अनुपालन | आउटसोर्सिंग पर निर्भरता कम होगी, जिससे सत्यापन प्रक्रिया अधिक विश्वसनीय होगी। |
दस्तावेजों की दोहरी जांच | फर्जी दस्तावेजों का उपयोग रोकने में मदद मिलेगी। |
ऑनलाइन डेटाबेस का उपयोग | पासपोर्ट, राशन कार्ड जैसे दस्तावेजों की सत्यता की पुष्टि आसान होगी। |
सख्त सत्यापन और निगरानी | अवैध प्रवासियों द्वारा आधार कार्ड के दुरुपयोग पर रोक लगेगी। |
क्या होगा भविष्य में?
नए नियमों के लागू होने के बाद Delhi में आधार कार्ड बनवाना पहले से कहीं अधिक कठिन हो सकता है। यह कदम न केवल अवैध प्रवासियों को रोकने में मदद करेगा, बल्कि आधार प्रणाली की विश्वसनीयता को भी बढ़ाएगा। हालांकि, इस प्रक्रिया में वैध नागरिकों को परेशानी न हो, इसके लिए सरकार को सावधानी बरतने की जरूरत होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इन बदलावों से आधार कार्ड की प्रक्रिया अधिक सुरक्षित और पारदर्शी होगी, जिससे इसका दुरुपयोग कम होगा।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. Delhi में आधार कार्ड के नियम क्यों सख्त किए जा रहे हैं?
Delhi में अवैध प्रवासियों द्वारा फर्जी दस्तावेजों के जरिए आधार कार्ड बनवाने की बढ़ती घटनाओं के कारण नियमों को सख्त करने की मांग की गई है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा और स्थानीय रोजगार को सुरक्षित करने के लिए जरूरी है।
2. नए नियमों का क्या प्रभाव होगा?
नए नियमों से आधार कार्ड की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और सुरक्षित होगी। फर्जी दस्तावेजों का उपयोग कम होगा और केवल वैध नागरिकों को ही आधार कार्ड मिलेगा।
3. क्या वैध नागरिकों को आधार बनवाने में परेशानी होगी?
नहीं, अगर आपके पास सही और वैध दस्तावेज हैं, तो आपको आधार कार्ड बनवाने में कोई परेशानी नहीं होगी। हालांकि, सत्यापन प्रक्रिया में समय लग सकता है।
4. आधार नामांकन केंद्रों की सूची कब तक उपलब्ध होगी?
उपराज्यपाल ने 15 जुलाई, 2025 तक सभी आधार नामांकन केंद्रों की विस्तृत सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
5. UIDAI का नया टूल क्या है?
UIDAI ने एक नया टूल विकसित किया है जो आधार बनवाने या अपडेट करने के दौरान दस्तावेजों की दोहरी जांच करेगा, ताकि फर्जी दस्तावेजों का उपयोग रोका जा सके।
यह कदम Delhi में आधार कार्ड प्रणाली को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इससे न केवल अवैध प्रवासियों पर नकेल कसी जाएगी, बल्कि वैध नागरिकों के लिए भी एक सुरक्षित और विश्वसनीय पहचान प्रणाली सुनिश्चित होगी।
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