जेवर एयरपोर्ट के पास जमीन खरीदने से पहले ये जरूरी नियम जान लें: NOC अनिवार्य, उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई!

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर एयरपोर्ट) के आसपास जमीन खरीदने या निर्माण कार्य शुरू करने की सोच रहे हैं? तो रुकिए! भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) ने इस क्षेत्र में सख्त नियम लागू किए हैं, जिनका पालन करना अनिवार्य है। जेवर में बन रहा यह एयरपोर्ट, जो एशिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा बनने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है,

2025 में अपनी पहली उड़ान शुरू करने के लिए तैयार है। लेकिन इसके आसपास के 20 किलोमीटर के दायरे में कोई भी निर्माण, भवन, ढांचा, या यहां तक कि पेड़ लगाने के लिए AAI से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) लेना जरूरी है। आइए, इस नियम की पूरी जानकारी, प्रक्रिया, और इससे जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों पर नजर डालते हैं।

जेवर एयरपोर्ट: एक नजर में

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जिसे जेवर एयरपोर्ट के नाम से भी जाना जाता है, उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले में बन रहा है। यह परियोजना चार चरणों में पूरी होगी और इसके पूर्ण होने पर यह भारत का सबसे बड़ा और विश्व का चौथा सबसे बड़ा हवाई अड्डा होगा।

पहला चरण अप्रैल 2025 में शुरू होने की उम्मीद है, जिसमें 1.2 करोड़ यात्री प्रतिवर्ष की क्षमता होगी। इस एयरपोर्ट का निर्माण ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल द्वारा किया जा रहा है, और यह इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (दिल्ली) की भीड़ को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

20 Km दायरे में सख्त नियम

जेवर एयरपोर्ट के एयरोड्रम रेफरेंस प्वाइंट (ARP) से 20 किलोमीटर के दायरे में किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य, भवन निर्माण, या पेड़ लगाने पर पूर्ण प्रतिबंध है, जब तक कि AAI से NOC प्राप्त न हो। यह नियम विमानन सुरक्षा और नेविगेशन सिस्टम की बाधा-मुक्त कार्यप्रणाली सुनिश्चित करने के लिए लागू किया गया है।

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सीCOO किरण जैन ने कहा, “एयरपोर्ट के आसपास ऊंची इमारतें या संरचनाएं उड़ान संचालन और नेविगेशन सिस्टम के लिए खतरा बन सकती हैं। इसलिए, सभी बिल्डरों, भूस्वामियों, और स्थानीय निवासियों को सलाह दी जाती है कि वे बिना NOC के कोई भी गतिविधि शुरू न करें।”

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नियमों का महत्व

ये नियम विमानन (Demolition of Obstructions caused by Buildings and Trees) Rules, 2023 और मिनिस्ट्री ऑफ सिविल एविएशन के 2015 के दिशानिर्देशों (GSR 751(E)) के तहत लागू किए गए हैं। इनका मुख्य उद्देश्य है:

  • Obstacle Limitation Surfaces (OLS) की सुरक्षा, जो विमानों के सुरक्षित उड़ान और लैंडिंग के लिए महत्वपूर्ण हैं।
  • कम दृश्यता या आपातकालीन स्थिति में उड़ान संचालन को बाधा-मुक्त रखना।
  • विद्युत चुम्बकीय हस्तक्षेप (electromagnetic interference) को रोकना।
  • हवाई अड्डे के दीर्घकालिक संचालन की स्थिरता सुनिश्चित करना।

NOC प्राप्त करने की प्रक्रिया

यदि आप जेवर एयरपोर्ट के 20 किमी दायरे में कोई निर्माण या विकास कार्य करना चाहते हैं, तो निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करें:

  1. स्थानीय निकाय से संपर्क: सबसे पहले, यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) या स्थानीय नगर निगम से संपर्क करें।
  2. कलर-कोडेड जोनिंग मैप: AAI द्वारा जारी इस मैप के आधार पर आपके क्षेत्र में अनुमेय ऊंचाई का मूल्यांकन करें।
  3. NOC आवेदन: AAI के NOCAS पोर्टल (No Objection Certificate Application System) के माध्यम से ऊंचाई NOC के लिए आवेदन करें।
  4. जांच और अनुमोदन: AAI आपके आवेदन की जांच करेगा और यदि प्रस्तावित निर्माण OLS या नेविगेशन सिस्टम को प्रभावित नहीं करता, तो NOC जारी करेगा।

उल्लंघन की स्थिति में सजा

  • निर्माण पर रोक: बिना NOC के शुरू किया गया कोई भी निर्माण अवैध माना जाएगा और इसे तुरंत रोका जा सकता है।
  • संरचना को ध्वस्त करना: ऊंचाई सीमा का उल्लंघन करने वाली इमारतों या ढांचों को ध्वस्त किया जा सकता है।
  • कानूनी कार्रवाई: विमानन नियमों के तहत दंडात्मक कार्रवाई, जिसमें जुर्माना या अन्य कानूनी कदम शामिल हो सकते हैं।

क्षेत्र के लिए अन्य योजनाएं

जेवर एयरपोर्ट के आसपास का क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) ने हाल ही में नर्सरी स्कूलों, अस्पतालों, और क्रेच के लिए भूखंड आवंटित करने की घोषणा की है। इसके अलावा, सात लग्जरी होटल (पांच और सात सितारा) बनाने की योजना है, जो सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल पर आधारित होंगे। ये विकास कार्य भी NOC नियमों के अधीन होंगे।

जेवर एयरपोर्ट की प्रमुख विशेषताएं

नीचे दी गई तालिका में जेवर एयरपोर्ट की कुछ प्रमुख विशेषताएं और तकनीकी विवरण दिए गए हैं:

विशेषताविवरण
स्थानजेवर, गौतम बुद्ध नगर, उत्तर प्रदेश
क्षमता (चरण 1)1.2 करोड़ यात्री प्रतिवर्ष
पूर्ण क्षमता (2040 तक)7 करोड़ यात्री प्रतिवर्ष
रनवे की संख्याचरण 1 में 1, पूर्ण होने पर 6
पर्यावरण लक्ष्यनेट-जीरो उत्सर्जन, पर्यावरण-अनुकूल डिजाइन
कनेक्टिविटीयमुना एक्सप्रेसवे, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, मेट्रो, और RRTS
प्रमुख सुविधाएंकार्गो हब, MRO केंद्र, ड्यूटी-फ्री शॉप्स, और लग्जरी होटल

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

1. जेवर एयरपोर्ट के आसपास निर्माण के लिए NOC क्यों जरूरी है?

NOC यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी निर्माण या पेड़ विमानों के उड़ान पथ या नेविगेशन सिस्टम को बाधित न करे। यह विमानन सुरक्षा के लिए अनिवार्य है।

2. NOC के लिए आवेदन कैसे करें?

AAI के NOCAS पोर्टल पर आवेदन करें। पहले स्थानीय निकाय से संपर्क कर कलर-कोडेड जोनिंग मैप के आधार पर अनुमेय ऊंचाई की जांच करें।

3. बिना NOC के निर्माण करने की सजा क्या है?

बिना NOC के निर्माण को अवैध माना जाएगा, और इसे ध्वस्त करने के साथ-साथ कानूनी कार्रवाई और जुर्माना भी हो सकता है।

4. क्या जेवर एयरपोर्ट के पास जमीन खरीदना सुरक्षित है?

हां, लेकिन किसी भी निर्माण या विकास कार्य से पहले AAI से NOC लेना अनिवार्य है। इसके अलावा, क्षेत्र में रियल एस्टेट की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं, जो निवेश के लिए अच्छा अवसर हो सकता है।

5. जेवर एयरपोर्ट कब शुरू होगा?

पहला चरण अप्रैल 2025 में शुरू होने की उम्मीद है, जिसमें 30 दैनिक उड़ानें (25 घरेलू, 3 अंतरराष्ट्रीय, और 2 कार्गो) शामिल होंगी।

निष्कर्ष

जेवर एयरपोर्ट न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे भारत के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना है, जो आर्थिक और औद्योगिक विकास को गति देगी। लेकिन इसके आसपास के क्षेत्र में जमीन खरीदने या निर्माण करने की योजना बनाने वालों को AAI के नियमों का सख्ती से पालन करना होगा।

बिना NOC के कोई भी गतिविधि न केवल अवैध है, बल्कि यह आपके निवेश को जोखिम में डाल सकती है। समय रहते स्थानीय निकायों और AAI से संपर्क करें, ताकि आप सुरक्षित और नियमों के अनुरूप अपने सपनों का निर्माण कर सकें।

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