गाजियाबाद में साइबर ठगी का नया मामला: गाजियाबाद में साइबर अपराधियों ने एक बार फिर अपनी चालाकी दिखाते हुए एक व्यापारी को शेयर ट्रेडिंग के नाम पर 1.25 करोड़ रुपये की ठगी का शिकार बनाया। यह घटना राजनगर एक्सटेंशन की एक सोसाइटी में रहने वाले व्यापारी नरेश (नाम बदला हुआ) के साथ हुई, जिन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से एक महिला ने अपने जाल में फंसाया। ठगी का अहसास होने पर पीड़ित ने गाजियाबाद पुलिस में शिकायत दर्ज की, और पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है।
सोशल मीडिया से शुरू हुई कहानी
जानकारी के अनुसार, नरेश का एक अज्ञात महिला से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए परिचय हुआ। महिला ने धीरे-धीरे बातचीत बढ़ाई और दोस्ती का भरोसा जीता। इसके बाद उसने शेयर ट्रेडिंग में निवेश कर मोटा मुनाफा कमाने का लालच दिया। विश्वास जीतने के लिए महिला ने नरेश को एक फर्जी मोबाइल ऐप डाउनलोड करवाया, जिसके जरिए शेयर ट्रेडिंग की प्रक्रिया शुरू की गई।
शुरुआत में ठगों ने छोटे निवेश पर नरेश को 50,000 रुपये का मुनाफा दिखाया और उनके बैंक खाते में यह राशि ट्रांसफर भी की। इस रणनीति से नरेश का भरोसा बढ़ा, और उन्होंने कई बार में कुल 1.25 करोड़ रुपये का निवेश कर दिया। हालांकि, जब नरेश ने अपनी रकम निकालने की कोशिश की, तो ठगों ने तरह-तरह के बहाने बनाए और अंततः संपर्क तोड़ लिया। ठगी का अहसास होने पर नरेश ने तुरंत गाजियाबाद के साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज की।
साइबर ठगी के तरीके और पुलिस की कार्रवाई
साइबर अपराधी अक्सर सोशल मीडिया, व्हाट्सएप ग्रुप्स, और फर्जी ऐप्स के जरिए लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं। इस मामले में भी ठगों ने नकली ऐप और आकर्षक मुनाफे का लालच देकर नरेश को ठगा। गाजियाबाद पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई शुरू की है। पुलिस ने संदिग्ध बैंक खातों को फ्रीज करने के लिए बैंकों को पत्र लिखा है और सोशल मीडिया अकाउंट्स की जांच शुरू कर दी है।
एडीसीपी (क्राइम) सच्चिदानंद राय ने बताया, “हम इस मामले की गहराई से जांच कर रहे हैं। ठगों ने फर्जी ऐप और सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर ठगी को अंजाम दिया। हम पीड़ित की रकम वापस दिलाने और दोषियों को गिरफ्तार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
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साइबर ठगी से बचाव के उपाय
साइबर ठगी के बढ़ते मामलों को देखते हुए विशेषज्ञ कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दे रहे हैं:
- अज्ञात लिंक्स पर क्लिक न करें: सोशल मीडिया या व्हाट्सएप पर मिलने वाले अनजान लिंक्स पर क्लिक करने से बचें।
- ऐप की प्रामाणिकता जांचें: किसी भी निवेश से पहले ऐप या कंपनी की वैधता की जांच करें। केवल SEBI-पंजीकृत प्लेटफॉर्म्स पर निवेश करें।
- लालच से बचें: मोटा मुनाफा देने का वादा करने वाले ऑफर्स पर भरोसा न करें।
- शिकायत दर्ज करें: ठगी होने पर तुरंत 1930 पर कॉल करें या साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें।
साइबर ठगी के आंकड़े: गाजियाबाद में बढ़ते मामले
पिछले कुछ महीनों में गाजियाबाद में साइबर ठगी के मामलों में तेजी आई है। एक रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में अब तक गाजियाबाद में 84 करोड़ रुपये की साइबर ठगी की घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें से 18 करोड़ रुपये पीड़ितों को वापस कराए गए हैं। शेयर ट्रेडिंग और टेलीग्राम टास्किंग के नाम पर सबसे ज्यादा ठगी के मामले दर्ज किए गए हैं।
साइबर ठगी के तरीके और बचाव की जानकारी
गाजियाबाद में साइबर ठगी का तरीका | बचाव के उपाय |
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फर्जी ऐप्स और वेबसाइट्स के जरिए निवेश का लालच | केवल SEBI-पंजीकृत प्लेटफॉर्म्स जैसे Zerodha, Groww आदि का उपयोग करें। |
सोशल मीडिया पर व्हाट्सएप ग्रुप्स में जोड़ना | अनजान ग्रुप्स में शामिल होने से पहले उनकी प्रामाणिकता जांचें। |
छोटे मुनाफे दिखाकर भरोसा जीतना | छोटे रिटर्न्स पर भरोसा न करें, हमेशा लंबी अवधि के निवेश की योजना बनाएं। |
टैक्स या कमीशन के नाम पर अतिरिक्त रकम मांगना | निवेश निकालने के लिए अतिरिक्त राशि मांगने वाले ऑफर्स से सावधान रहें। |
साइबर ठगी से बचने के लिए टिप्स
- पहचान सत्यापित करें: सोशल मीडिया पर दोस्ती करने वालों की पहचान और इरादों की जांच करें।
- बैंक डिटेल्स शेयर न करें: ओटीपी, पिन, या खाता विवरण किसी के साथ साझा न करें।
- जागरूकता बढ़ाएं: अपने परिवार और दोस्तों को साइबर ठगी के खतरों के बारे में बताएं।
- तुरंत शिकायत करें: ठगी का शक होने पर तुरंत पुलिस या साइबर सेल से संपर्क करें।
पुलिस की सलाह: जागरूकता ही बचाव
गाजियाबाद पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे साइबर ठगी से बचने के लिए जागरूक रहें। अनजान व्यक्तियों या ग्रुप्स के साथ वित्तीय लेन-देन करने से पहले उनकी प्रामाणिकता की पूरी जांच करें। पुलिस ने यह भी कहा कि साइबर क्राइम थाने में विशेषज्ञों की एक टीम लगातार ठगों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, और जल्द ही इस मामले में शामिल अपराधियों को पकड़ा जाएगा।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
1. साइबर ठगी की शिकायत कहां दर्ज करें?
साइबर ठगी की शिकायत तुरंत 1930 पर कॉल करके या राष्ट्रीय साइबर क्राइम पोर्टल (cybercrime.gov.in) पर दर्ज करें। स्थानीय साइबर क्राइम थाने से भी संपर्क किया जा सकता है।
2. शेयर ट्रेडिंग में निवेश करने से पहले क्या सावधानियां बरतें?
केवल SEBI-पंजीकृत ब्रोकर्स या प्लेटफॉर्म्स के साथ निवेश करें।
कंपनी या ऐप की प्रामाणिकता की जांच करें।
छोटे मुनाफे के लालच में न आएं।
3. अगर ठगी हो जाए तो क्या करें?
तुरंत पुलिस को सूचित करें।
संबंधित बैंक को सूचित कर खातों को फ्रीज करवाएं।
साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें।
4. क्या ठगी की रकम वापस मिल सकती है?
हां, अगर समय पर शिकायत दर्ज की जाए और बैंक खातों को फ्रीज करवाया जाए, तो ठगी की रकम वापस मिलने की संभावना बढ़ जाती है। गाजियाबाद पुलिस ने हाल ही में कई मामलों में पीड़ितों को रकम वापस दिलाई है।
5. सोशल मीडिया पर ठगी से कैसे बचें?
अनजान लोगों से दोस्ती करने से बचें।
व्यक्तिगत या वित्तीय जानकारी साझा न करें।
संदिग्ध लिंक्स या ग्रुप्स से दूर रहें।
इस तरह की घटनाएं हमें सतर्क रहने की सीख देती हैं। यदि आपके पास ऐसी ही कोई जानकारी या अनुभव है, तो साझा करें और दूसरों को जागरूक करने में मदद करें। गाजियाबाद पुलिस की त्वरित कार्रवाई से उम्मीद है कि जल्द ही इस मामले के दोषियों को सजा मिलेगी और पीड़ित को उसकी रकम वापस मिल सकेगी।
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