ग्रेटर नोएडा में बोड़ाकी रेलवे स्टेशन: 7 गांवों के विस्थापन और मुआवजे पर ताजा अपडेट

ग्रेटर नोएडा में बन रहा इंटरनेशनल स्तर का बोड़ाकी रेलवे स्टेशन क्षेत्र की कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास को नई दिशा देने वाला है। इस मेगा परियोजना के लिए 7 गांवों की पूरी आबादी को विस्थापित किया जाएगा, जिसके लिए 47 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण चल रहा है।

हालांकि, जिला प्रशासन ने 50% सर्वे कार्य पूरा कर लिया है, लेकिन मुआवजा दरों को लेकर किसानों में असमंजस बरकरार है। यह परियोजना दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली-मुंबई कॉरिडोर को जोड़ेगी, जिससे एनसीआर क्षेत्र में यातायात और व्यापार को बड़ा बढ़ावा मिलेगा।

परियोजना का महत्व और विशेषताएं

बोड़ाकी रेलवे स्टेशन, जिसे ग्रेटर नोएडा टर्मिनल के नाम से भी जाना जाएगा, एक मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब का हिस्सा है। यह 176 हेक्टेयर में फैला होगा, जिसमें रेलवे स्टेशन 46 हेक्टेयर क्षेत्र में बनेगा। इस स्टेशन पर 13 प्लेटफॉर्म और 63 यार्ड लाइनें होंगी, जो रोजाना 100 ट्रेनों को संभालने में सक्षम होंगी, जिनमें वंदे भारत और अन्य प्रीमियम ट्रेनें शामिल हैं। यह हब मेट्रो, अंतरराज्यीय और स्थानीय बस टर्मिनल के साथ एकीकृत होगा, जो ग्रेटर नोएडा, नोएडा, दिल्ली और गाजियाबाद के यात्रियों के लिए सुगम कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।

7 गांवों का विस्थापन और मुआवजा

इस परियोजना के लिए बोड़ाकी, पल्ला, पाली, चिठेड़ा, कठेड़ा, जुनपत और चमरावली समेत 7 गांवों की 47 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है। जिला प्रशासन की सर्वे टीम मकानों का मूल्यांकन, दस्तावेजों की जांच और निर्माण स्थिति का आकलन कर रही है। अब तक 50% सर्वे पूरा हो चुका है, लेकिन मुआवजा दरें तय न होने से किसानों में अनिश्चितता बनी हुई है। कुछ किसानों ने मुआवजे और पुनर्वास की मांग को लेकर विरोध भी दर्ज किया है।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने कहा, “हम पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से सर्वे पूरा कर रहे हैं। मुआवजा वितरण जल्द शुरू होगा, और प्रभावित परिवारों को उचित मुआवजा और पुनर्वास सुविधाएं दी जाएंगी।”

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सर्वे और मुआवजा प्रक्रिया

जिला प्रशासन की टीमें निम्नलिखित पहलुओं पर सर्वे कर रही हैं:

  1. मकानों का मूल्यांकन: संपत्तियों की कीमत और स्थिति का आकलन।
  2. दस्तावेजों की जांच: जमीन और मकानों के स्वामित्व की वैधता।
  3. निर्माण स्थिति: अवैध या अनधिकृत निर्माणों की पहचान।

अधिकारियों का दावा है कि सर्वे कार्य पूरी पारदर्शिता के साथ हो रहा है। सर्वे पूरा होने के बाद मुआवजा वितरण की प्रक्रिया शुरू होगी, और परियोजना में कोई देरी नहीं होगी।

बोड़ाकी रेलवे स्टेशन की खासियतें

विशेषताविवरण
प्लेटफॉर्म13 प्लेटफॉर्म, 100 ट्रेनों की दैनिक क्षमता।
क्षेत्र46 हेक्टेयर (176 हेक्टेयर मल्टीमॉडल हब का हिस्सा)।
कनेक्टिविटीमेट्रो (डिपो स्टेशन से बोड़ाकी), अंतरराज्यीय और स्थानीय बस टर्मिनल।
ट्रेनेंवंदे भारत, प्रीमियम एक्सप्रेस, पूर्वी यूपी, बिहार और पश्चिम बंगाल के लिए ट्रेनें।
अन्य सुविधाएंकमर्शियल स्पेस, मॉल, होटल, मल्टी-लेवल पार्किंग।
लागतशुरुआती अनुमान ₹1850 करोड़, बढ़ोतरी की संभावना।

परियोजना का क्षेत्रीय प्रभाव

बोड़ाकी रेलवे स्टेशन न केवल ग्रेटर नोएडा, बल्कि पूरे एनसीआर क्षेत्र के लिए एक गेम-चेंजर साबित होगा। यह स्टेशन नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) से केवल 30 मिनट की दूरी पर है, जिससे हवाई और रेल यात्रा का बेहतर तालमेल होगा। यह दिल्ली के आनंद विहार और नई दिल्ली स्टेशनों पर भीड़ को कम करेगा। इसके अलावा, यह परियोजना रियल एस्टेट, व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देगी।

अन्य विकास परियोजनाएं

बोड़ाकी रेलवे स्टेशन मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब का हिस्सा है, जिसमें निम्नलिखित परियोजनाएं शामिल हैं:

  • मेट्रो विस्तार: नोएडा मेट्रो की एक्वा लाइन को डिपो स्टेशन से बोड़ाकी तक 3 किमी तक बढ़ाया जाएगा।
  • रेल ओवरब्रिज: पल्ला में 6-लेन रेल ओवरब्रिज का निर्माण, जिसकी लागत ₹194 करोड़ है।
  • लॉजिस्टिक्स हब: 333 हेक्टेयर में मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स हब, जो माल परिवहन को 24 घंटे में गुजरात, कोलकाता और मुंबई तक पहुंचाएगा।

मुआवजा और पुनर्वास पर किसानों की चिंताएं

किसानों का कहना है कि मुआवजा दरें तय न होने से उन्हें भविष्य की अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा है। कई परिवारों को यह चिंता है कि मुआवजा मिलने के बाद वे कहां नया आशियाना बनाएंगे। कुछ किसानों ने पुनर्वास के लिए वैकल्पिक जमीन या बेहतर सुविधाओं की मांग की है। जिला प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि सभी प्रभावित परिवारों को उचित मुआवजा और पुनर्वास सुविधाएं दी जाएंगी।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

1. बोड़ाकी रेलवे स्टेशन कब तक बनकर तैयार होगा?

परियोजना का मास्टर प्लान मंजूरी के बाद 3 साल में पूरा होने की उम्मीद है।

2. किन गांवों की जमीन अधिग्रहित हो रही है?

बोड़ाकी, पल्ला, पाली, चिठेड़ा, कठेड़ा, जुनपत और चमरावली गांवों की 47 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित हो रही है।

3. मुआवजा वितरण कब शुरू होगा?

सर्वे पूरा होने के बाद मुआवजा वितरण की प्रक्रिया शुरू होगी, जो जल्द होने की उम्मीद है।

4. बोड़ाकी रेलवे स्टेशन से किन क्षेत्रों को लाभ होगा?

यह स्टेशन ग्रेटर नोएडा, नोएडा, दिल्ली, गाजियाबाद और पूर्वी यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल के यात्रियों को लाभ देगा।

5. मल्टीमॉडल हब में क्या-क्या सुविधाएं होंगी?

रेलवे स्टेशन, मेट्रो, अंतरराज्यीय और स्थानीय बस टर्मिनल, कमर्शियल स्पेस, होटल और पार्किंग सुविधाएं होंगी|

बोड़ाकी रेलवे स्टेशन परियोजना ग्रेटर नोएडा को एक आधुनिक और कनेक्टेड शहर के रूप में स्थापित करेगी। हालांकि, मुआवजा और पुनर्वास के मुद्दों को जल्द से जल्द हल करना जरूरी है ताकि किसानों का भरोसा बना रहे। अधिक जानकारी के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की वेबसाइट (greaternoidaauthority.in) पर संपर्क करें।

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