गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के मोदीनगर थाना क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक युवक ने एक मासूम स्ट्रीट डॉग को डंडों से बेरहमी से पीटा। यह पूरी घटना 24 सेकंड के एक वीडियो में कैद हो गई, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
वीडियो में दिख रहा है कि युवक कुत्ते पर तब तक डंडे बरसाता रहा, जब तक वह बेहोश नहीं हो गया। इसके बाद, उसने कुत्ते के पैर में रस्सी बांधकर उसे सड़क पर घसीटा और पास की झाड़ियों में फेंक दिया।
इस अमानवीय कृत्य ने स्थानीय लोगों और पशु प्रेमियों में गुस्से की लहर पैदा कर दी है। गाजियाबाद पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है, और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की बात कही है।
सुचेतापुरी कॉलोनी में क्रूरता की हद
घटना मोदीनगर के सुचेतापुरी कॉलोनी की है, जहां 15 जुलाई 2025 को यह क्रूर कृत्य हुआ। स्थानीय निवासी हर्ष ने बताया कि उन्होंने कुत्ते को बचाने की कोशिश की, लेकिन आरोपी युवक ने उन्हें धमकी दी और अभद्र व्यवहार किया।
वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि युवक बिना किसी दया के कुत्ते पर लगातार डंडे से वार करता रहा। कुत्ता चीखता रहा, लेकिन हमलावर ने उसकी पीड़ा की परवाह नहीं की। बेहोशी के बाद कुत्ते को सड़क पर घसीटकर झाड़ियों में फेंक दिया गया।
स्थानीय लोगों ने तुरंत इसकी सूचना एक पशु कल्याण संगठन को दी, जिसके बाद संगठन की एक एंबुलेंस मौके पर पहुंची और घायल कुत्ते को इलाज के लिए ले जाया गया। फिलहाल, कुत्ते की हालत गंभीर बताई जा रही है, और उसका उपचार एक स्थानीय पशु चिकित्सालय में चल रहा है।
पुलिस और पशु कल्याण संगठनों की त्वरित कार्रवाई
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद गाजियाबाद पुलिस तुरंत हरकत में आई। मोदीनगर थाना प्रभारी ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है, और वीडियो फुटेज के आधार पर आरोपी की पहचान की जा रही है। पुलिस ने पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 की धारा 11 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है, जिसमें दोषी पाए जाने पर 7 साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
इसके अलावा, पशु अधिकार संगठन PETA इंडिया ने भी इस घटना की निंदा की है और आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। संगठन ने अपने बयान में कहा, “इस तरह की घटनाएं समाज में पशु क्रूरता के प्रति जागरूकता की कमी को दर्शाती हैं। हम गाजियाबाद पुलिस से आग्रह करते हैं कि दोषी को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए।”
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सामाजिक प्रतिक्रिया और पशु क्रूरता पर बढ़ता गुस्सा
सोशल मीडिया पर इस वीडियो के वायरल होने के बाद लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है। कई यूजर्स ने इसे “पशु क्रूरता की पराकाष्ठा” करार दिया है। एक यूजर ने X पर लिखा, “यह बताइए कि असली जानवर कौन है? ऐसे लोगों को सजा मिलनी चाहिए ताकि दूसरों के लिए नजीर बने।
” स्थानीय निवासियों ने भी मांग की है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाएं। कुछ लोगों ने सुझाव दिया कि मोदीनगर में आवारा कुत्तों के लिए नसबंदी और टीकाकरण अभियान को और तेज किया जाए ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
गाजियाबाद में पशु क्रूरता की पिछली घटनाएं
यह पहली बार नहीं है जब गाजियाबाद में पशु क्रूरता का मामला सामने आया है। नवंबर 2022 में, ट्रोनिका सिटी थाना क्षेत्र में एक कुत्ते को लोहे की जंजीर से बांधकर फांसी देने का वीडियो वायरल हुआ था, जिसके बाद पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की थी। इसी तरह, मई 2025 में ग्रेटर नोएडा में एक व्यक्ति द्वारा कुत्ते को ऑटो से घसीटने की घटना ने भी सुर्खियां बटोरी थीं। इन घटनाओं ने पशु क्रूरता के खिलाफ सख्त कानूनों और जागरूकता की जरूरत को उजागर किया है।
पशु कल्याण के लिए सरकारी और गैर-सरकारी प्रयास
गाजियाबाद में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या और उनसे संबंधित घटनाओं को देखते हुए, गाजियाबाद नगर निगम ने हाल ही में एक पशु कल्याण कार्यक्रम शुरू किया है। इसके तहत, आवारा कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण के लिए एक एनिमल बर्थ कंट्रोल (ABC) सेंटर स्थापित किया गया है।
इसके अलावा, कई गैर-सरकारी संगठन जैसे PETA इंडिया और स्थानीय पशु कल्याण समूह नियमित रूप से घायल और बीमार जानवरों के लिए रेस्क्यू और मेडिकल सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं। इस घटना के बाद, स्थानीय संगठनों ने सुचेतापुरी कॉलोनी में एक जागरूकता शिविर आयोजित करने की योजना बनाई है, जिसमें पशु क्रूरता के खिलाफ कानूनों और उनकी देखभाल के बारे में जानकारी दी जाएगी।
पशु क्रूरता निवारण अधिनियम
पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 के तहत, किसी भी जानवर को अनावश्यक रूप से पीटना, घायल करना, या मारना अपराध है। इसके तहत निम्नलिखित सजा का प्रावधान है:
विशेषता | विवरण |
---|---|
धारा 11 | जानवर को पीटना, घायल करना, या अनावश्यक पीड़ा देना अपराध। |
सजा | पहली बार अपराध पर ₹50 से ₹100 तक जुर्माना। गंभीर मामलों में 3-7 साल की सजा और जुर्माना। |
पशु रेस्क्यू | घायल जानवरों को तुरंत चिकित्सा सुविधा प्रदान करना अनिवार्य। |
जागरूकता | पशु कल्याण संगठनों द्वारा नियमित जागरूकता अभियान। |
नसबंदी/टीकाकरण | आवारा कुत्तों की संख्या नियंत्रित करने के लिए ABC सेंटर्स। |
शिकायत प्रक्रिया | स्थानीय पुलिस या पशु कल्याण संगठनों को शिकायत दर्ज कराना। |
भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के उपाय
पशु क्रूरता की घटनाओं को रोकने के लिए गाजियाबाद प्रशासन और स्थानीय संगठनों को मिलकर काम करना होगा। कुछ सुझाव इस प्रकार हैं:
- जागरूकता अभियान: स्कूलों, कॉलेजों और कॉलोनियों में पशु कल्याण पर कार्यशालाएं आयोजित की जाएं।
- नसबंदी और टीकाकरण: आवारा कुत्तों की संख्या नियंत्रित करने के लिए ABC सेंटर्स की संख्या बढ़ाई जाए।
- सख्त कानूनी कार्रवाई: पशु क्रूरता के मामलों में त्वरित और कठोर सजा सुनिश्चित की जाए।
- सीसीटीवी निगरानी: संवेदनशील क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं ताकि ऐसी घटनाएं रिकॉर्ड हो सकें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
1. गाजियाबाद में स्ट्रीट डॉग के साथ क्रूरता की यह घटना कहां हुई?
यह घटना मोदीनगर थाना क्षेत्र की सुचेतापुरी कॉलोनी में हुई।
2. पुलिस ने इस मामले में क्या कार्रवाई की है?
पुलिस ने वीडियो फुटेज के आधार पर जांच शुरू की है और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।
3. घायल कुत्ते की स्थिति क्या है?
कुत्ते को एक पशु कल्याण संगठन ने रेस्क्यू किया और उसका इलाज चल रहा है। उसकी हालत गंभीर है।
4. पशु क्रूरता के खिलाफ शिकायत कैसे दर्ज करें?
आप स्थानीय पुलिस स्टेशन, PETA इंडिया, या गाजियाबाद नगर निगम के पशु कल्याण विभाग में शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
5. क्या गाजियाबाद में आवारा कुत्तों के लिए कोई कार्यक्रम है?
हां, गाजियाबाद नगर निगम ने आवारा कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण के लिए ABC सेंटर्स स्थापित किए हैं।
यह घटना समाज में पशु क्रूरता के प्रति जागरूकता की कमी को दर्शाती है। गाजियाबाद पुलिस और पशु कल्याण संगठनों से अपेक्षा है कि वे इस मामले में सख्त कार्रवाई करें ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। अगर आप इस तरह की किसी घटना की जानकारी देना चाहते हैं, तो गाजियाबाद पुलिस की हेल्पलाइन (0120-2821018) या PETA इंडिया की वेबसाइट (petaindia.com) पर संपर्क करें।
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