दिल्ली-कोलकाता एयर इंडिया फ्लाइट में टला बड़ा हादसा: 21 जुलाई 2025 को दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (IGI) पर एक बड़ा हादसा होने से उस समय टल गया जब एयर इंडिया की फ्लाइट AI2403, जो दिल्ली से कोलकाता के लिए उड़ान भरने वाली थी, में अचानक तकनीकी खराबी का पता चला। इस फ्लाइट में करीब 150 यात्री और 8 क्रू मेंबर सवार थे।
पायलट की त्वरित सूझबूझ और बहादुरी ने न केवल यात्रियों की जान बचाई बल्कि एक संभावित विमान दुर्घटना को भी टाल दिया। यह घटना एक बार फिर विमानन क्षेत्र में सुरक्षा प्रोटोकॉल और प्रशिक्षित पायलटों की महत्ता को रेखांकित करती है।
क्या हुआ था घटनास्थल पर?
सोमवार की शाम, जब फ्लाइट AI2403 रनवे पर तेज गति (लगभग 155 किमी/घंटा) से टेकऑफ की तैयारी कर रही थी, तभी कॉकपिट में तकनीकी खराबी का अलार्म बजा। पायलट ने तुरंत स्थिति का आकलन किया और मानक संचालन प्रक्रियाओं (SOP) का पालन करते हुए विमान को टेकऑफ से पहले ही रोक लिया। इस तेज निर्णय ने सभी यात्रियों और क्रू मेंबर्स की सुरक्षा सुनिश्चित की।
एयर इंडिया के प्रवक्ता ने बताया कि खराबी का पता चलते ही विमान को तुरंत जांच के लिए हैंगर में ले जाया गया। प्रारंभिक जांच में यह पाया गया कि खराबी इंजन के फ्यूल कंट्रोल सिस्टम में थी, जिसे ठीक करने के लिए तकनीकी टीम ने तुरंत काम शुरू किया। इसके बाद, यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए फ्लाइट को रद्द कर दिया गया।
यात्रियों की प्रतिक्रिया और एयरलाइन की व्यवस्था
घटना के बाद यात्रियों में शुरुआती घबराहट देखी गई, लेकिन एयर इंडिया के ग्राउंड स्टाफ ने स्थिति को संभालते हुए सभी यात्रियों को सुरक्षित टर्मिनल तक पहुंचाया। कुछ यात्रियों को वैकल्पिक फ्लाइट्स की व्यवस्था की गई, जबकि अन्य को होटल में ठहराने और रिफंड का विकल्प दिया गया। एक यात्री, रमेश शर्मा, ने बताया, “पायलट का यह फैसला वाकई काबिल-ए-तारीफ है। हमें थोड़ी असुविधा हुई, लेकिन हमारी जान सुरक्षित रही, यही सबसे बड़ी बात है।”
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तकनीकी खराबी: एक बढ़ती चिंता
हाल के महीनों में एयर इंडिया की फ्लाइट्स में तकनीकी खराबी की घटनाएं बढ़ी हैं। उदाहरण के लिए, जून 2025 में दिल्ली-कोलकाता और मुंबई-कोलकाता रूट्स पर उड़ानों की संख्या में अस्थायी कटौती की गई थी ताकि विमानों की सुरक्षा जांच को प्राथमिकता दी जा सके। इसके अलावा, जुलाई में लखनऊ एयरपोर्ट पर भी एयर इंडिया एक्सप्रेस की एक फ्लाइट में टेकऑफ से पहले खराबी का पता चला था।
ये घटनाएं विमानन उद्योग में रखरखाव और सुरक्षा प्रक्रियाओं पर सवाल उठाती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि पुराने विमानों के रखरखाव और नियमित जांच में और सख्ती बरतने की जरूरत है।
फ्लाइट AI2403 की विशेषताएं
नीचे दी गई तालिका में फ्लाइट AI2403 और इसके विमान की कुछ प्रमुख विशेषताएं दी गई हैं:
विशेषता | विवरण |
---|---|
विमान का प्रकार | बोइंग 737-800 |
यात्री क्षमता | 150-180 (कॉन्फिगरेशन के आधार पर) |
इंजन | CFM56-7B |
अधिकतम गति | 870 किमी/घंटा |
रेंज | 5,765 किमी |
पहली उड़ान | 2009 (विमान की उम्र लगभग 16 वर्ष) |
सुरक्षा प्रणाली | CAT IIIB ILS (इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम) |
एयर इंडिया की प्रतिक्रिया
एयर इंडिया ने एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा, “हमारी प्राथमिकता हमेशा यात्रियों और क्रू की सुरक्षा रही है। फ्लाइट AI2403 के पायलट ने मानक प्रक्रियाओं का पालन करते हुए सही समय पर फैसला लिया, जिसके लिए हम उनकी सराहना करते हैं। हम इस असुविधा के लिए यात्रियों से माफी मांगते हैं और उन्हें उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्थाएं कर रहे हैं।”
सुरक्षा प्रोटोकॉल और भविष्य के कदम
यह घटना एक बार फिर विमानन उद्योग में सुरक्षा प्रोटोकॉल की महत्ता को दर्शाती है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने इस घटना की जांच शुरू कर दी है ताकि खराबी के कारणों का पता लगाया जा सके। साथ ही, एयर इंडिया ने अपने सभी बोइंग 737 विमानों के फ्यूल कंट्रोल सिस्टम की गहन जांच के आदेश दिए हैं।
विशेषज्ञों का सुझाव है कि एयरलाइंस को अपने पुराने विमानों को चरणबद्ध तरीके से बदलने और आधुनिक तकनीक से लैस नए विमानों में निवेश करने की जरूरत है। इसके अलावा, पायलटों और क्रू मेंबर्स के लिए नियमित प्रशिक्षण और सिमुलेशन ड्रिल्स को और बढ़ावा देना चाहिए।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
1. फ्लाइट AI2403 में क्या खराबी थी?
प्रारंभिक जांच के अनुसार, खराबी विमान के फ्यूल कंट्रोल सिस्टम में थी, जिसका पता टेकऑफ से पहले ही चल गया था।
2. क्या सभी यात्री सुरक्षित थे?
हां, सभी यात्री और क्रू मेंबर सुरक्षित थे। पायलट ने विमान को टेकऑफ से पहले रोक लिया, जिससे कोई हादसा नहीं हुआ।
3. एयर इंडिया ने यात्रियों के लिए क्या व्यवस्था की?
एयर इंडिया ने कुछ यात्रियों को वैकल्पिक फ्लाइट्स की व्यवस्था की, जबकि अन्य को होटल में ठहराने और रिफंड का विकल्प दिया।
4. क्या इस घटना की जांच हो रही है?
हां, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने इस घटना की जांच शुरू कर दी है ताकि खराबी के कारणों का पता लगाया जा सके।
5. क्या एयर इंडिया की फ्लाइट्स सुरक्षित हैं?
एयर इंडिया अपनी फ्लाइट्स में सुरक्षा को प्राथमिकता देती है और मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन करती है। हालांकि, हाल की घटनाओं के बाद रखरखाव और जांच प्रक्रियाओं को और मजबूत करने की जरूरत है।
निष्कर्ष – दिल्ली-कोलकाता एयर इंडिया फ्लाइट में टला बड़ा हादसा
दिल्ली-कोलकाता एयर इंडिया फ्लाइट की यह घटना एक चेतावनी है कि तकनीकी खराबी जैसी समस्याओं को हल्के में नहीं लिया जा सकता। पायलट की सूझबूझ और त्वरित निर्णय ने एक बड़े हादसे को टाल दिया, लेकिन यह घटना विमानन उद्योग के लिए एक सबक है कि सुरक्षा को हमेशा सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए। यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एयर इंडिया और DGCA को मिलकर और सख्त कदम उठाने होंगे।
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