दिल्ली के सीलमपुर में दर्दनाक हादसा:12 जुलाई 2025 की सुबह दिल्ली के सीलमपुर इलाके में एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। वेलकम क्षेत्र की जनता कॉलोनी, गली नंबर 5, ए-ब्लॉक में एक चार मंजिला इमारत सुबह करीब 7:00 बजे अचानक ढह गई। इस हादसे में अब तक छह लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है,
जिनमें इमारत के मालिक मतलूब (50), उनकी पत्नी राबिया (46), उनके दो बेटे, और दो अन्य व्यक्ति शामिल हैं। इसके अलावा, आठ लोग घायल हुए हैं, जिनमें एक 14 महीने का बच्चा भी शामिल है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), दिल्ली पुलिस, दमकल विभाग, और स्थानीय लोग बचाव कार्य में जुटे हैं, लेकिन संकरी गलियों और घनी आबादी ने रेस्क्यू ऑपरेशन को जटिल बना दिया है।
हादसे का विवरण
हादसा सुबह 7:00 बजे के आसपास हुआ, जब 30-35 वर्ग गज के प्लॉट पर बनी यह चार मंजिला इमारत अचानक भरभराकर गिर गई। स्थानीय निवासियों के अनुसार, इमारत में 8-10 लोग रहते थे, जिनमें तीन बच्चे और तीन महिलाएं शामिल थीं। इमारत के मालिक मतलूब और उनके परिवार के 10 सदस्य इसमें रहते थे। हादसे के समय कुछ लोग सुबह की सैर पर थे, जिसने उनकी जान बचाई।
दिल्ली दमकल सेवा के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया कि हादसे की सूचना सुबह 7:04 बजे मिली, जिसके बाद सात दमकल वाहन तुरंत मौके पर पहुंचे। अब तक मलबे से आठ लोगों को निकाला जा चुका है, जिनमें से सात को जग प्रवेश चंद्र (JPC) अस्पताल और एक 14 महीने के बच्चे, अहमद, को गुरु तेग बहादुर (GTB) अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मलबे से निकाले गए दो लोगों की मौके पर ही मृत्यु हो गई थी, और बाद में चार अन्य लोगों की मौत की पुष्टि हुई।
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बचाव कार्य और चुनौतियां
बचाव कार्य में दिल्ली पुलिस, एनडीआरएफ, सिविल डिफेंस, नगर निगम, और स्थानीय लोग शामिल हैं। उत्तर-पूर्वी जिले के एडिशनल डीसीपी संदीप लांबा ने बताया, “घनी आबादी और 1.5-2 फीट चौड़ी गलियों के कारण क्रेन और भारी मशीनों का उपयोग संभव नहीं है। मलबा हाथों से हटाया जा रहा है।” अनुमान है कि अब सभी लापता लोगों को निकाल लिया गया है, लेकिन मलबे की गहन जांच जारी है।
विवरण | स्थिति |
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मृतक | 6 (मtlूब, राबिया, उनके दो बेटे, और दो अन्य) |
घायल | 8 (7 JPC अस्पताल में, 1 GTB अस्पताल में, जिसमें 14 महीने का बच्चा शामिल) |
बचाव दल | NDRF, दिल्ली पुलिस, दमकल विभाग, सिविल डिफेंस, और स्थानीय लोग |
चुनौतियां | संकरी गलियां, घनी आबादी, मलबे की मात्रा, बिजली आपूर्ति बाधित |
प्रगति | सभी लापता लोगों को निकाला गया, मलबे की जांच जारी |
घायलों और मृतकों की सूची
मलबे से निकाले गए घायलों में शामिल हैं:
- परवेज (32), पुत्र अब्दुल
- नावेद (19), पुत्र अब्दुल
- सिजा (21), पत्नी परवेज
- दीपा (56), पत्नी गोविंद
- गोविंद (60), पुत्र राम चरण
- रवि कश्यप (27), पुत्र राम चरण
- ज्योति (27), पत्नी रवि कश्यप
- अहमद (14 महीने), पुत्र परवेज
मृतकों में मतलूब (50), राबिया (46), उनके दो बेटों (नामों की पुष्टि बाकी), और दो अन्य व्यक्तियों की पहचान हुई है। स्थानीय सूत्रों ने एक दो साल की बच्ची की मौत की भी बात कही, लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
सरकार और नेताओं का रुख
दिल्ली सरकार के मंत्री कपिल मिश्रा ने घटनास्थल का दौरा किया और कहा, “यह एक दुखद घटना है। हमारी प्राथमिकता सभी फंसे लोगों को सुरक्षित निकालना है। संकरी गलियों के कारण चुनौतियां हैं, लेकिन टीमें पूरी ताकत से काम कर रही हैं।” दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोशल मीडिया पर शोक व्यक्त करते हुए जिला मजिस्ट्रेट को तत्काल जांच के निर्देश दिए। उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी ने भी घटना पर दुख जताया और प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
संभावित कारण और जांच
हादसे का सटीक कारण अभी स्पष्ट नहीं है। प्रारंभिक जांच में अनुमान लगाया जा रहा है कि इमारत की पुरानी संरचना (20-25 साल पुरानी), अनधिकृत निर्माण, और हाल की भारी बारिश ने इसे कमजोर किया हो सकता है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि इमारत में नियमित रखरखाव नहीं हुआ था, और कुछ अवैध मरम्मत कार्य भी चल रहे थे। दिल्ली सरकार ने जिला मजिस्ट्रेट को जांच के लिए नियुक्त किया है, जो भवन नियमों के उल्लंघन और निर्माण की गुणवत्ता की जांच करेगा।
दिल्ली में बढ़ती इमारत ढहने की घटनाएं
यह हादसा दिल्ली में हाल के दिनों में दूसरी बड़ी घटना है। 11 जुलाई 2025 को आजाद मार्केट में मेट्रो निर्माण के पास एक जर्जर इमारत ढहने से मनोज शर्मा (45) की मौत हो गई थी। दिल्ली मेट्रो ने इस मामले में 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और जांच की घोषणा की है। विशेषज्ञों का कहना है कि अनधिकृत निर्माण, पुरानी इमारतों का रखरखाव न होना, और भवन नियमों की अनदेखी इन हादसों के प्रमुख कारण हैं। सीलमपुर जैसे घनी आबादी वाले इलाकों में ये समस्याएं और गंभीर हैं।
सरकार से मांग और भविष्य के कदम
स्थानीय निवासियों और सामाजिक संगठनों ने दिल्ली सरकार से मांग की है कि:
- पुरानी और जर्जर इमारतों का नियमित निरीक्षण हो।
- अनधिकृत निर्माण पर सख्त कार्रवाई की जाए।
- घनी आबादी वाले क्षेत्रों में बचाव कार्यों के लिए विशेष उपकरण और प्रशिक्षण उपलब्ध कराए जाएं।
- प्रभावित परिवारों को तत्काल आर्थिक सहायता और पुनर्वास की व्यवस्था हो।
दिल्ली सरकार ने प्रभावित परिवारों के लिए 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि और घायलों के इलाज के लिए मुफ्त चिकित्सा सुविधा की घोषणा की है।
पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. सीलमपुर में इमारत ढहने की घटना कब हुई?
हादसा 12 जुलाई 2025 को सुबह करीब 7:00 बजे वेलकम क्षेत्र, जनता कॉलोनी, गली नंबर 5, ए-ब्लॉक में हुआ।
2. कितने लोग मारे गए और घायल हुए?
छह लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, और आठ लोग घायल हैं, जिनमें एक 14 महीने का बच्चा शामिल है।
3. बचाव कार्य में कौन शामिल है?
NDRF, दिल्ली पुलिस, दमकल विभाग, सिविल डिफेंस, और स्थानीय लोग बचाव कार्य में जुटे हैं।
4. हादसे का कारण क्या हो सकता है?
पुरानी संरचना, अनधिकृत निर्माण, और हाल की बारिश संभावित कारण हो सकते हैं। जांच जारी है।
5. बचाव कार्य में क्या समस्याएं आ रही हैं?
संकरी गलियां (1.5-2 फीट चौड़ी), घनी आबादी, और भारी मशीनों का उपयोग न हो पाना प्रमुख चुनौतियां हैं।
निष्कर्ष
सीलमपुर में चार मंजिला इमारत ढहने की घटना ने एक बार फिर दिल्ली में भवन सुरक्षा और अनधिकृत निर्माण के मुद्दों को उजागर किया है। छह लोगों की मौत और कई घायलों के साथ यह हादसा शहर के लिए एक गंभीर चेतावनी है। सरकार को भवन नियमों को सख्त करने, पुरानी इमारतों का नियमित निरीक्षण करने, और घनी आबादी वाले क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन को बेहतर करने की जरूरत है। फिलहाल, सभी की निगाहें बचाव कार्यों पर टिकी हैं, और प्रभावित परिवारों के लिए त्वरित सहायता की उम्मीद की जा रही है।
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