गाजियाबाद बॉर्डर पर टैक्स चोरी रोकने का मास्टरप्लान: 17 गुप्त स्थानों पर लगेंगे हाई-टेक CCTV कैमरे

राज्य कर विभाग ने गाजियाबाद के बॉर्डर क्षेत्रों में टैक्स चोरी की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए एक व्यापक और तकनीकी रूप से उन्नत योजना तैयार की है।

इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत, विभाग ने गाजियाबाद-दिल्ली बॉर्डर और आसपास के क्षेत्रों में 17 गुप्त स्थानों की पहचान की है, जहां हाई-रेजोल्यूशन CCTV कैमरे लगाए जाएंगे। इन कैमरों का मुख्य उद्देश्य मालवाहक वाहनों द्वारा ई-वे बिल में गड़बड़ी और छोटे-छोटे रास्तों से टैक्स चोरी को रोकना है।

यह कदम न केवल राजस्व हानि को कम करेगा, बल्कि गाजियाबाद को एक पारदर्शी और सुरक्षित व्यापारिक केंद्र के रूप में स्थापित करने में भी मदद करेगा।

ई-वे बिल में गड़बड़ी पर नजर

ई-वे बिल प्रणाली में गड़बड़ियों के कारण राज्य कर विभाग को हर साल लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है। कुछ मालवाहक वाहन चालक मुख्य बॉर्डर जैसे यूपी गेट, लोनी, महाराजपुर और भोपुरा के बजाय छोटे और गुप्त रास्तों का उपयोग करके टैक्स चोरी करते हैं।

इस समस्या से निपटने के लिए विभाग ने गहन सर्वे के बाद 17 संवेदनशील स्थानों को चिन्हित किया है। इन स्थानों पर CCTV कैमरे लगाए जाएंगे, जिनकी निगरानी एक केंद्रीकृत कंट्रोल रूम से होगी। यह कंट्रोल रूम वास्तविक समय में वाहनों की गतिविधियों पर नजर रखेगा और संदिग्ध गतिविधियों की तुरंत जांच करेगा।

गुप्त स्थानों का चयन और सुरक्षा

गाजियाबाद-दिल्ली बॉर्डर के आसपास कई छोटे रास्ते हैं, जैसे खोड़ा, सूर्य नगर और ज्ञानी बॉर्डर, जिनका उपयोग टैक्स चोरी के लिए किया जाता है। इन रास्तों की पहचान करने के लिए राज्य कर विभाग ने कई महीनों तक सर्वे किया। इन 17 स्थानों को गुप्त रखा जाएगा ताकि कोई भी व्यक्ति या समूह इन कैमरों को नुकसान न पहुंचा सके।

ये कैमरे हाई-रेजोल्यूशन और नाइट विजन तकनीक से लैस होंगे, जो रात के समय भी स्पष्ट फुटेज प्रदान करेंगे। इसके अलावा, इन कैमरों को 360 डिग्री घूमने वाले PTZ (पैन-टिल्ट-जूम) और नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) फीचर्स के साथ डिज़ाइन किया जाएगा, ताकि वाहनों की पहचान और ट्रैकिंग आसान हो।

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कंट्रोल रूम और निगरानी तंत्र

इन CCTV कैमरों की लाइव फीड को गाजियाबाद में एक अत्याधुनिक कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा। इस कंट्रोल रूम में प्रशिक्षित अधिकारी 24/7 निगरानी करेंगे। कंट्रोल रूम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डेटा एनालिटिक्स का उपयोग करके संदिग्ध वाहनों की त्वरित पहचान की जाएगी।

उदाहरण के लिए, अगर कोई वाहन बिना वैध ई-वे बिल के बॉर्डर पार करता है, तो सिस्टम तुरंत अलर्ट जनरेट करेगा। इसके बाद, मोबाइल इकाइयों को तैनात कर वाहन को पकड़ा जाएगा। यह तकनीकी दृष्टिकोण न केवल टैक्स चोरी को रोकेगा, बल्कि अवैध माल की तस्करी पर भी अंकुश लगाएगा।

परियोजना की स्थिति और समयसीीमा

राज्य कर विभाग ने इस परियोजना के लिए विस्तृत प्रस्ताव मुख्यालय को भेज दिया है। प्रस्ताव में कैमरों की स्थापना, रखरखाव और कंट्रोल रूम के लिए बजट का विवरण शामिल है।

अधिकारियों का कहना है कि जैसे ही मुख्यालय से मंजूरी मिलेगी, कैमरों की स्थापना का काम शुरू हो जाएगा। अनुमान है कि यह परियोजना 6-8 महीनों में पूरी हो सकती है। शुरुआती चरण में यूपी गेट, लोनी, महाराजपुर और भोपुरा जैसे प्रमुख बॉर्डर पर कैमरे लगाए जाएंगे, जिसके बाद छोटे रास्तों को कवर किया जाएगा।

परियोजना के लाभ

विशेषतालाभ
हाई-टेक CCTV कैमरेनाइट विजन और ANPR के साथ वाहनों की सटीक निगरानी।
गुप्त स्थानकैमरों को नुकसान से बचाने के लिए 17 स्थानों को गोपनीय रखा जाएगा।
कंट्रोल रूम24/7 AI-आधारित निगरानी और त्वरित कार्रवाई।
ई-वे बिल चेकिंगटैक्स चोरी और फर्जी इनवॉइस पर प्रभावी नियंत्रण।
राजस्व संरक्षणलाखों रुपये के राजस्व नुकसान को रोकना।
सुरक्षाअवैध तस्करी और आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश।

अन्य पहल और भविष्य की योजनाएं

राज्य कर विभाग ने टैक्स चोरी रोकने के लिए कई अन्य कदम भी उठाए हैं। हाल ही में, लखनऊ में एक रिसर्च सेंटर की स्थापना की गई है, जो AI और मशीन लर्निंग का उपयोग करके टैक्स चोरी के नए तरीकों का अध्ययन करेगा। गाजियाबाद, नोएडा, और मेरठ जैसे प्रमुख शहरों में टैक्स चोरी के गैर-पारंपरिक तरीकों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके अलावा, विभाग जल्द ही मोबाइल ऐप और ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च करेगा, जहां नागरिक टैक्स चोरी की शिकायत दर्ज कर सकेंगे।

नागरिकों की भूमिका

राज्य कर विभाग ने गाजियाबाद के नागरिकों से अपील की है कि वे टैक्स चोरी की घटनाओं की सूचना तुरंत विभाग को दें। इसके लिए एक हेल्पलाइन नंबर और ऑनलाइन पोर्टल जल्द शुरू किया जाएगा। नागरिकों का सहयोग इस परियोजना को और प्रभावी बनाएगा।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

1. गाजियाबाद बॉर्डर पर CCTV कैमरे क्यों लगाए जा रहे हैं?

टैक्स चोरी और ई-वे बिल में गड़बड़ियों को रोकने के लिए 17 गुप्त स्थानों पर CCTV कैमरे लगाए जाएंगे।

2. किन स्थानों पर कैमरे लगेंगे?

यूपी गेट, लोनी, महाराजपुर, भोपुरा, खोड़ा, सूर्य नगर और ज्ञानी बॉर्डर जैसे क्षेत्रों में कैमरे लगाए जाएंगे। स्थान गुप्त रखे जाएंगे।

3. CCTV कैमरों की निगरानी कौन करेगा?

कंट्रोल रूम में प्रशिक्षित अधिकारी और AI तकनीक के जरिए 24/7 निगरानी होगी।

4. यह परियोजना कब शुरू होगी?

मुख्यालय से मंजूरी मिलने के बाद 6-8 महीनों में परियोजना पूरी हो सकती है।

5. क्या यह परियोजना टैक्स चोरी को पूरी तरह रोक पाएगी?

हां, हाई-टेक कैमरे और AI-आधारित निगरानी से टैक्स चोरी और अवैध गतिविधियों पर काफी हद तक अंकुश लगेगा।

गाजियाबाद में टैक्स चोरी को रोकने के लिए शुरू की गई यह परियोजना न केवल राजस्व संरक्षण में मदद करेगी, बल्कि क्षेत्र की सुरक्षा और पारदर्शिता को भी बढ़ाएगी। अधिक जानकारी के लिए राज्य कर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट (upgst.gov.in) पर संपर्क करें।

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