ग्रेटर नोएडा में 8253 करोड़ का मेगा सोलर प्रोजेक्ट: उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में औद्योगिक विकास की गति को नई रफ्तार मिलने वाली है। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) के तहत नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के नजदीक एक मेगा सोलर प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिल गई है।
रिन्यूएबल एनर्जी क्षेत्र की अग्रणी कंपनी सील सोलर पी6 प्राइवेट लिमिटेड इस परियोजना में 8253 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। यह प्रोजेक्ट न केवल स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाएगा, बल्कि 2500 से अधिक स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर भी प्रदान करेगा। यह परियोजना ग्रेटर नोएडा को देश के प्रमुख औद्योगिक और हरित ऊर्जा केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
प्रोजेक्ट को मिली मंजूरी और भूमि आवंटन
इन्वेस्ट यूपी के तहत इस मेगा प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी गई है, और कंपनी को लेटर ऑफ कम्फर्ट (LOC) जारी कर दिया गया है। यमुना प्राधिकरण के सेक्टर 8 में 200 एकड़ भूमि आवंटित की जाएगी, जहां सील सोलर पी6 प्राइवेट लिमिटेड अपनी अत्याधुनिक सोलर सेल और मॉड्यूल निर्माण इकाई स्थापित करेगी।
यमुना प्राधिकरण के ओएसडी और निवेश सेल के नोडल अधिकारी शैलेंद्र भाटिया ने बताया कि यह प्रस्ताव राज्य सरकार के समक्ष रखा गया था, जिसे इन्वेस्ट यूपी ने अनुमोदित कर लिया है। भूमि आवंटन की प्रक्रिया जल्द पूरी होने के बाद 2025 में निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। यह परियोजना क्षेत्र में औद्योगिक निवेश को और आकर्षित करने में मदद करेगी।
प्रोजेक्ट की विशेषताएं और तकनीकी पहलू
सील सोलर पी6 प्राइवेट लिमिटेड का यह प्रोजेक्ट 5 गीगावाट (GW) सोलर सेल और 5 गीगावाट सोलर मॉड्यूल उत्पादन की क्षमता के साथ एक एकीकृत विनिर्माण इकाली स्थापित करेगा। यह इकाई टनल ऑक्साइड पैसिवेटेड कॉन्टैक्ट (TOPCon) तकनीक पर आधारित सोलर सेल का उत्पादन करेगी, जो उच्च दक्षता और ऊर्जा उत्पादन के लिए जानी जाती है।
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Yeida Plot Scheme 2025: पात्रता, आवेदन प्रक्रिया, कीमत और संपर्क जानकारी
विशेषता | विवरण |
---|---|
निवेश राशि | 8253 करोड़ रुपये |
उत्पादन क्षमता | 5 GW सोलर सेल + 5 GW सोलर मॉड्यूल |
तकनीक | टनल ऑक्साइड पैसिवेटेड कॉन्टैक्ट (TOPCon) |
रोजगार सृजन | 2500+ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार |
स्थान | यमुना प्राधिकरण, सेक्टर 8, ग्रेटर नोएडा |
निर्माण शुरू | 2025 |
रोजगार और आर्थिक विकास पर प्रभाव
इस परियोजना से ग्रेटर नोएडा और आसपास के क्षेत्रों में 2500 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। इनमें तकनीकी विशेषज्ञ, इंजीनियर, मशीन ऑपरेटर, और अन्य सहायक कर्मचारी शामिल होंगे। यह प्रोजेक्ट स्थानीय युवाओं के लिए कौशल विकास और रोजगार के नए अवसर खोलेगा, जिससे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। इसके अलावा, यह परियोजना भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ और स्वच्छ ऊर्जा पहल को बढ़ावा देगी, क्योंकि यह सौर उपकरणों के आयात पर निर्भरता को कम करेगी।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के साथ तालमेल
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के नजदीक इस प्रोजेक्ट का निर्माण क्षेत्र के लिए एक रणनीतिक कदम है। एयरपोर्ट के शुरू होने से ग्रेटर नोएडा में औद्योगिक और वाणिज्यिक गतिविधियां बढ़ेंगी, जिससे यह क्षेत्र निवेशकों के लिए और आकर्षक बन जाएगा। सोलर प्रोजेक्ट और एयरपोर्ट के संयोजन से ग्रेटर नोएडा उत्तर भारत का एक प्रमुख औद्योगिक और लॉजिस्टिक्स हब बनने की ओर अग्रसर है। हाल ही में टाटा पावर और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बीच 550 करोड़ रुपये के सौर और पवन ऊर्जा आपूर्ति समझौते ने भी क्षेत्र में स्वच्छ ऊर्जा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाया है।
क्षेत्र में बढ़ता औद्योगिक रुझान
ग्रेटर नोएडा में हाल के महीनों में औद्योगिक निवेश में तेजी देखी गई है। हाल ही में आगरा के चमड़ा उद्योग से जुड़े व्यापारियों ने यमुना प्राधिकरण के सीईओ से मिलकर सेक्टर 8 में 100 एकड़ भूमि पर लेदर पार्क स्थापित करने की मांग की थी। इसके अलावा, अन्य क्षेत्रों जैसे खाद्य प्रसंस्करण, इलेक्ट्रॉनिक्स, और कपड़ा उद्योगों ने भी इस क्षेत्र में रुचि दिखाई है। सील सोलर का यह प्रोजेक्ट इस रुझान को और मजबूत करेगा, जिससे ग्रेटर नोएडा उत्तर भारत का एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र बन सकता है।
पर्यावरण और स्थिरता पर प्रभाव
यह सोलर प्रोजेक्ट भारत की स्वच्छ ऊर्जा नीतियों के अनुरूप है और 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के लक्ष्य में योगदान देगा। TOPCon तकनीक का उपयोग न केवल ऊर्जा दक्षता को बढ़ाएगा, बल्कि कार्बन उत्सर्जन को कम करने में भी मदद करेगा। यह परियोजना स्थानीय स्तर पर स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देगी और सौर उपकरणों के आयात पर निर्भरता को कम करेगी, जिससे भारत की ऊर्जा सुरक्षा को बल मिलेगा।
भविष्य की संभावनाएं
सील सोलर पी6 प्राइवेट लिमिटेड का यह निवेश ग्रेटर नोएडा को स्वच्छ ऊर्जा और औद्योगिक विकास के क्षेत्र में एक नया मुकाम दिलाएगा। यह परियोजना न केवल आर्थिक विकास को गति देगी, बल्कि क्षेत्र के युवाओं को रोजगार और कौशल विकास के अवसर प्रदान करेगी। आने वाले वर्षों में यह प्रोजेक्ट उत्तर प्रदेश को रिन्यूएबल एनर्जी का एक प्रमुख केंद्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. सील सोलर पी6 प्राइवेट लिमिटेड का ग्रेटर नोएडा प्रोजेक्ट क्या है?
यह एक 8253 करोड़ रुपये का निवेश है, जिसके तहत ग्रेटर नोएडा में 5 GW सोलर सेल और 5 GW सोलर मॉड्यूल की अत्याधुनिक विनिर्माण इकाई स्थापित की जाएगी।
2. इस प्रोजेक्ट से कितने लोगों को रोजगार मिलेगा?
इस परियोजना से 2500 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
3. प्रोजेक्ट में किस तकनीक का उपयोग होगा?
इस प्रोजेक्ट में टनल ऑक्साइड पैसिवेटेड कॉन्टैक्ट (TOPCon) तकनीक का उपयोग किया जाएगा, जो उच्च दक्षता वाली सोलर सेल के लिए जानी जाती है।
4. यह प्रोजेक्ट कब शुरू होगा?
प्रोजेक्ट को 2025 में शुरू करने की योजना है, और निर्माण कार्य जल्द ही शुरू होगा।
5. इस प्रोजेक्ट का पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
यह प्रोजेक्ट स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देगा, कार्बन उत्सर्जन को कम करेगा, और भारत की नवीकरणीय ऊर्जा नीतियों को समर्थन देगा।
यह मेगा सोलर प्रोजेक्ट ग्रेटर नोएडा को औद्योगिक और स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में एक नया पहचान दिलाएगा। यह न केवल क्षेत्र के आर्थिक विकास को गति देगा, बल्कि भारत की नवीकरणीय ऊर्जा नीतियों को मजबूत करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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