दिल्ली का ऐतिहासिक स्मारक इंडिया गेट, जो कभी परिवारों और पर्यटकों के लिए पिकनिक और सुकून भरे पलों का केंद्र हुआ करता था, अब नए नियमों के कारण चर्चा में है। हाल ही में लागू किए गए सख्त सुरक्षा और पर्यटक नियमों ने इंडिया गेट के अनुभव को पूरी तरह बदल दिया है।
बैग, खाना, चादरें, और पालतू जानवरों पर लगी रोक ने टूरिस्ट्स को निराश किया है, और लॉकर सुविधा की कमी ने उनकी परेशानियों को और बढ़ा दिया है। आइए जानते हैं इस बदलाव की पूरी कहानी, टूरिस्ट्स की शिकायतें, और इससे बचने के उपाय।
नए नियमों ने बदला इंडिया गेट का माहौल
इंडिया गेट, जो दिल्ली के सबसे बड़े पर्यटक स्थलों में से एक है, अब पहले जैसा नहीं रहा। जुलाई 2025 में लागू किए गए नए नियमों के तहत, टूरिस्ट्स को अब इंडिया गेट परिसर में बैग, खाने-पीने का सामान, चादरें, या पालतू जानवर ले जाने की अनुमति नहीं है। इन नियमों का उद्देश्य स्मारक की स्वच्छता और हाल ही में किए गए भूनिर्माण कार्य को संरक्षित करना है, लेकिन इससे पर्यटकों को भारी असुविधा हो रही है।
नए नियमों के कारण परिवारों को अब दो हिस्सों में बंटना पड़ रहा है। एक समूह स्मारक के अंदर घूमने जाता है, जबकि दूसरा बाहर सामान की रखवाली करता है। इस व्यवस्था ने न केवल टूरिस्ट्स के उत्साह को कम किया है, बल्कि उनके लिए इंडिया गेट का दौरा एक थकाऊ अनुभव बन गया है।
लॉकर सुविधा की कमी बनी बड़ी समस्या
सबसे बड़ी शिकायत यह है कि इंडिया गेट पर लॉकर सुविधा का अभाव है। लाल किला, कुतुब मीनार, और अन्य ऐतिहासिक स्थलों पर टूरिस्ट्स के लिए लॉकर उपलब्ध हैं, लेकिन इंडिया गेट पर ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। प्रयागराज से आए एक पर्यटक, संजय वर्मा ने बताया, “हमें अपने बैग बाहर छोड़ने पड़े, और कोई लॉकर नहीं होने के कारण मैं अपनी पत्नी और बच्चों के साथ अंदर नहीं जा सका। यह बहुत निराशाजनक है।”
इसी तरह, वाराणसी की एक पर्यटक, प्रिया सिंह ने कहा, “इंडिया गेट हमारे लिए यादगार जगह थी, जहां हम परिवार के साथ पिकनिक मनाते थे। अब न खाना ला सकते हैं, न बैग, और लॉकर भी नहीं है। प्रशासन को टूरिस्ट्स की ज़रूरतों का ध्यान रखना चाहिए।”
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अधिकारियों का पक्ष
सुरक्षा और रखरखाव अधिकारियों का कहना है कि ये नियम इंडिया गेट की सुंदरता और हरियाली को बनाए रखने के लिए ज़रूरी थे। हाल ही में स्मारक के आसपास नए लॉन और भूनिर्माण कार्य किए गए हैं, जो टूरिस्ट्स द्वारा चादरें बिछाने, खाना खाने, और कचरा फैलाने से क्षतिग्रस्त हो रहे थे। एक अधिकारी ने बताया, “इंडिया गेट रोज़ाना हज़ारों पर्यटकों को आकर्षित करता है। अगर हम इन नियमों को लागू न करें, तो यह जगह जल्द ही कचरे का ढेर बन जाएगी।”
उन्होंने यह भी कहा कि लॉकर सुविधा शुरू करने पर विचार किया जा रहा है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इसके अलावा, वीडियो रिकॉर्डिंग पर प्रतिबंध लगाने की योजना भी चर्चा में है, जो टूरिस्ट्स के लिए और मुश्किलें खड़ी कर सकती है।
टूरिस्ट्स की नाराज़गी और सोशल मीडिया पर बहस
नए नियमों ने टूरिस्ट्स में खासी नाराज़गी पैदा की है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कई यूज़र्स ने अपनी शिकायतें साझा की हैं। एक यूज़र ने लिखा, “इंडिया गेट अब आम आदमी की पहुंच से बाहर होता जा रहा है। ये नियम सिर्फ़ अमीरों के लिए हैं, जो पास के रेस्तरां में खाना खा सकते हैं।” एक अन्य यूज़र ने कहा, “पिकनिक की संस्कृति खत्म हो रही है। इंडिया गेट की आत्मा ही इसके लॉन और परिवारों की हंसी में थी।”
हालांकि, कुछ लोग इन नियमों का समर्थन भी कर रहे हैं। दिल्ली के रहने वाले अर्जुन मेहता ने कहा, “लोगों ने इंडिया गेट को कचराघर बना दिया था। प्लास्टिक की बोतलें, खाने के पैकेट हर जगह बिखरे रहते थे। ये नियम सख्त हैं, लेकिन ज़रूरी हैं।”
नया क्या है?

हाल के अपडेट्स के अनुसार, प्रशासन ने इंडिया गेट के पास एक छोटा सा “फूड ज़ोन” शुरू करने की योजना बनाई है, जहां टूरिस्ट्स अधिकृत वेंडर्स से खाना खरीद सकते हैं। यह ज़ोन स्मारक से कुछ दूरी पर होगा, ताकि कचरा परिसर में न फैले। साथ ही, बच्चों के लिए एक खेल क्षेत्र और बुज़ुर्गों के लिए बैठने की व्यवस्था भी प्रस्तावित है। हालांकि, ये योजनाएं अभी शुरुआती चरण में हैं और इन्हें लागू होने में समय लग सकता है।
इसके अलावा, इंडिया गेट के पास मौजूद स्ट्रीट वेंडर्स भी प्रभावित हो रहे हैं। खाने-पीने की चीज़ें बेचने वाले कई वेंडर्स का कहना है कि नए नियमों के कारण उनकी कमाई आधी रह गई है। एक वेंडर, रमेश कुमार ने बताया, “पहले लोग खाना लेकर लॉन पर बैठते थे, और हमसे भी कुछ खरीदते थे। अब लोग खाना ही नहीं ला रहे, तो हमारा धंधा चौपट हो गया।”
नए नियमों की विशेषताएं और प्रभाव
विशेषता | विवरण |
---|---|
प्रतिबंधित वस्तुएं | बैग, खाना, चादरें, और पालतू जानवर |
उद्देश्य | स्मारक की स्वच्छता और नए लॉन की सुरक्षा |
लॉकर सुविधा | अभी उपलब्ध नहीं, भविष्य में शुरू करने की योजना |
प्रस्तावित सुविधाएं | फूड ज़ोन, बच्चों का खेल क्षेत्र, बुज़ुर्गों के लिए बैठने की जगह |
प्रभाव | टूरिस्ट्स में असुविधा, परिवारों का बंटवारा, वेंडर्स की आय में कमी |
अन्य प्रस्ताव | वीडियो रिकॉर्डिंग पर संभावित प्रतिबंध |
टूरिस्ट्स के लिए सलाह
- सामान कम लाएं: इंडिया गेट जाने से पहले बैग और खाने का सामान घर पर ही छोड़ दें। केवल ज़रूरी चीज़ें जैसे पानी की बोतल और पहचान पत्र साथ लाएं।
- समय का ध्यान रखें: शाम 7:00 बजे से 9:30 बजे के बीच जाएं, जब इंडिया गेट की लाइटिंग और फव्वारे इसे और खूबसूरत बनाते हैं।
- नज़दीकी सुविधाओं का उपयोग करें: अगर आपको सामान रखने की ज़रूरत है, तो सेंट्रल सेक्रेटेरिएट मेट्रो स्टेशन पर उपलब्ध लॉकर का इस्तेमाल करें।
- सुरक्षा का ध्यान रखें: भीड़भाड़ में जेबकतरों से सावधान रहें और अपने कीमती सामान का ख्याल रखें।
- शिकायत दर्ज करें: अगर आपको कोई असुविधा हो, तो दिल्ली टूरिज़्म की वेबसाइट या स्थानीय प्रशासन से संपर्क करें।
पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. इंडिया गेट पर बैग और खाना क्यों बैन किया गया है?
नए नियम स्मारक की स्वच्छता और हाल ही में किए गए भूनिर्माण कार्य को संरक्षित करने के लिए लागू किए गए हैं। टूरिस्ट्स द्वारा कचरा फैलाने और लॉन को नुकसान पहुंचाने की शिकायतों के बाद यह कदम उठाया गया।
2. क्या इंडिया गेट पर लॉकर सुविधा उपलब्ध होगी?
अभी लॉकर सुविधा उपलब्ध नहीं है, लेकिन प्रशासन ने इसे शुरू करने की योजना बनाई है। तब तक, नज़दीकी मेट्रो स्टेशनों पर लॉकर का उपयोग करें।
3. क्या बच्चे और बुज़ुर्ग इंडिया गेट घूम सकते हैं?
हां, इंडिया गेट सभी के लिए खुला है। हालांकि, नए नियमों के कारण खाने और बैठने की व्यवस्था सीमित है। भविष्य में बच्चों के लिए खेल क्षेत्र और बुज़ुर्गों के लिए बैठने की जगह बनाई जा सकती है।
4. क्या इंडिया गेट रात में घूमना सुरक्षित है?
हां, इंडिया गेट रात में सुरक्षित है, खासकर शाम 7:00 बजे से 9:30 बजे के बीच, जब यह अच्छी तरह रोशनी से सजा होता है। फिर भी, भीड़ में सावधानी बरतें।
5. क्या वीडियो रिकॉर्डिंग पर भी बैन लगेगा?
फिलहाल वीडियो रिकॉर्डिंग पर कोई आधिकारिक बैन नहीं है, लेकिन प्रशासन इस पर विचार कर रहा है। नवीनतम अपडेट के लिए दिल्ली टूरिज़्म की वेबसाइट चेक करें।
निष्कर्ष
इंडिया गेट पर लागू नए नियमों ने टूरिस्ट्स के लिए कई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं, खासकर उन परिवारों के लिए जो यहां पिकनिक और यादगार पल बिताने आते थे। हालांकि, ये नियम स्मारक की स्वच्छता और सौंदर्य को बनाए रखने के लिए ज़रूरी हैं। प्रशासन को चाहिए कि वह लॉकर सुविधा और अन्य वैकल्पिक व्यवस्थाओं को जल्द लागू करे ताकि टूरिस्ट्स का अनुभव बेहतर हो सके।
तब तक, टूरिस्ट्स को सलाह है कि वे नए नियमों का पालन करें और अपनी यात्रा को पहले से प्लान करें। इंडिया गेट की खूबसूरती और इतिहास आज भी हर पर्यटक को आकर्षित करता है, बशर्ते हम इसकी गरिमा का सम्मान करें।
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