ग्रेटर नोएडा के यमुना सिटी में निर्माणाधीन नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट न केवल यात्रियों के लिए बल्कि उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए भी एक नया द्वार खोलने जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस एयरपोर्ट के पास एक मेगा एग्री एक्सपोर्ट हब स्थापित करने की योजना को मंजूरी दे दी है, जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए गेम-चेंजर साबित होगा। इस हब के जरिए किसानों की फसलें, फल, सब्जियां और अन्य कृषि उत्पाद सीधे वैश्विक बाजारों तक पहुंचेंगे, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी।
इनोवा फूड पार्क: 50 एकड़ में बनेगा एक्सपोर्ट हब
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए 50 एकड़ जमीन आवंटित की है, जिसे कर्नाटक आधारित इनोवा एग्री बायो पार्क द्वारा विकसित किया जाएगा। यह परियोजना उत्तर प्रदेश एग्री एक्सपोर्ट स्कीम (UP-AGREES) के तहत शुरू की जा रही है, जिसमें 500 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश होने की उम्मीद है। इस हब में ग्रेडिंग, प्रोसेसिंग, पैकेजिंग और शॉर्टिंग जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी, जो कृषि उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप तैयार करेंगी।
सरकार की ओर से आर्थिक प्रोत्साहन
इस परियोजना को गति देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने कई आर्थिक प्रोत्साहन प्रदान किए हैं। इनमें शामिल हैं:
- लैंड सब्सिडी: परियोजना के लिए रियायती दरों पर जमीन उपलब्ध कराई गई है।
- 100% स्टांप शुल्क में छूट: परियोजना की लागत को कम करने के लिए।
- दो वर्षों तक बिजली दरों में रियायत: संचालन लागत को कम करने के लिए।
- सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल: परियोजना को तेजी से पूरा करने और दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए।
इन सुविधाओं के साथ, यह हब न केवल किसानों को लाभ पहुंचाएगा बल्कि क्षेत्र में रोजगार सृजन को भी पढ़े: बढ़ावा देगा।
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वैश्विक बाजारों तक पहुंचेंगे यूपी के कृषि उत्पाद
उत्तर प्रदेश में प्रतिवर्ष 40 मिलियन टन फल और सब्जियों का उत्पादन होता है, लेकिन अभी तक अंतरराष्ट्रीय निर्यात के लिए कोई व्यापक ढांचा उपलब्ध नहीं था। इस नए एग्री हब के माध्यम से आम, अमरूद, टमाटर, भिंडी, फूल और दुग्ध उत्पाद जैसे कृषि उत्पादों को वैश्विक बाजारों में भेजा जाएगा। इस हब में मल्टी-मॉडल कार्गो टर्मिनल की सुविधा होगी, जिसकी शुरुआती क्षमता 1 लाख टन होगी। सभी चरणों के पूरा होने पर यह 12 सौ करोड़ रुपये के निवेश के साथ और अधिक विस्तारित होगा।
पतंजलि फूड पार्क: एक और कृषि क्रांति
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास यमुना प्राधिकरण के सेक्टर 22ई में पतंजलि समूह भी एक फूड एंड हर्बल पार्क विकसित कर रहा है। 2017 में इसके लिए 430 एकड़ जमीन आवंटित की गई थी। यह परियोजना क्षेत्र में कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देगी और स्थानीय किसानों को उनकी उपज के लिए बेहतर बाजार उपलब्ध कराएगी। पतंजलि का यह फूड पार्क प्राकृतिक और जैविक उत्पादों के प्रसंस्करण और निर्यात पर केंद्रित होगा।
क्षेत्रीय किसानों को मिलेगा लाभ
इस एग्री एक्सपोर्ट हब से गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, हापुड़, मेरठ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों जैसे हरियाणा, राजस्थान और उत्तराखंड के किसानों को भी लाभ होगा। अभी तक अधिक उत्पादन के कारण घरेलू बाजार में कीमतें गिर जाती थीं, लेकिन अब अंतरराष्ट्रीय निर्यात के जरिए किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिलेगा।
विशेषताएं और विशिष्टताएं
विशेषता | विवरण |
---|---|
क्षेत्रफल | 50 एकड़ (इनोवा फूड पार्क), 430 एकड़ (पतंजलि फूड पार्क) |
निवेश | 500 करोड़ रुपये (इनोवा), 1200 करोड़ रुपये (कार्गो हब के सभी चरण) |
कार्गो क्षमता | शुरुआती 1 लाख टन, भविष्य में विस्तार संभव |
प्रमुख उत्पाद | आम, अमरूद, टमाटर, भिंडी, फूल, दुग्ध उत्पाद |
आर्थिक प्रोत्साहन | लैंड सब्सिडी, 100% स्टांप शुल्क छूट, 2 साल तक बिजली दरों में रियायत |
परियोजना मॉडल | पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) |
लाभार्थी क्षेत्र | गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, हापुड़, मेरठ, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड |
रोजगार और आर्थिक विकास को मिलेगा बढ़ावा
इस एग्री एक्सपोर्ट हब और पतंजलि फूड पार्क के निर्माण से हजारों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित होंगे। स्थानीय युवाओं को प्रसंस्करण, पैकेजिंग, लॉजिस्टिक्स और निर्यात प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में नौकरियां मिलेंगी। इसके अलावा, यह परियोजना क्षेत्र को एक प्रमुख कृषि-आधारित औद्योगिक केंद्र के रूप में स्थापित करेगी, जिससे यमुना सिटी और ग्रेटर नोएडा का आर्थिक विकास तेज होगा।
यमुना प्राधिकरण की भूमिका
यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (येईडा) इस परियोजना की कार्यान्वयन एजेंसी है। येईडा ने पहले ही फ्रांस के रुंगिस अंतरराष्ट्रीय मंडी की तर्ज पर एक मंडी विकसित करने की योजना बनाई थी, लेकिन अब इस एग्री हब के साथ यह सपना हकीकत में बदलने जा रहा है। यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड, भारत बायोटेक और विश्व बैंक जैसी संस्थाओं के साथ सहयोग से यह परियोजना तेजी से आगे बढ़ रही है।
FAQs – नोएडा एयरपोर्ट के पास एग्री एक्सपोर्ट हब: किसानों को मिलेगा ग्लोबल बाजार
1. नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास बनने वाला एग्री एक्सपोर्ट हब क्या है?
यह एक ऐसी सुविधा है जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों के किसानों के कृषि उत्पादों को ग्रेडिंग, प्रोसेसिंग, पैकेजिंग और निर्यात के लिए तैयार करेगी, ताकि वे वैश्विक बाजारों तक पहुंच सकें।
2. इस परियोजना से किसे लाभ होगा?
गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, हापुड़, मेरठ और पड़ोसी राज्यों (हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड) के किसानों को लाभ मिलेगा। साथ ही, यह रोजगार सृजन को बढ़ावा देगा।
3. एग्री एक्सपोर्ट हब में किन उत्पादों का निर्यात होगा?
आम, अमरूद, टमाटर, भिंडी, फूल, दुग्ध उत्पाद और अन्य कृषि उत्पादों का निर्यात होगा।
4. इस परियोजना में कितना निवेश हो रहा है?
इनोवा फूड पार्क में 500 करोड़ रुपये और कार्गो हब के सभी चरणों में 1200 करोड़ रुपये का निवेश होने की उम्मीद है।
5. पतंजलि फूड पार्क की क्या खासियत है?
पतंजलि का फूड एंड हर्बल पार्क 430 एकड़ में विकसित हो रहा है, जो जैविक और प्राकृतिक उत्पादों के प्रसंस्करण और निर्यात पर केंद्रित है।
6. यह परियोजना कब तक पूरी होगी?
परियोजना को युद्ध स्तर पर आगे बढ़ाया जा रहा है, और इसके पहले चरण के 2025 के अंत तक शुरू होने की उम्मीद है।
भविष्य की संभावनाएं
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट और इसके आसपास विकसित हो रहे एग्री एक्सपोर्ट हब और फूड पार्क उत्तर प्रदेश को वैश्विक कृषि व्यापार का एक प्रमुख केंद्र बनाएंगे। यह परियोजना न केवल किसानों की आय दोगुनी करने के सरकार के लक्ष्य को साकार करेगी, बल्कि क्षेत्रीय विकास और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी नई दिशा देगी।
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