नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जिसे उत्तर प्रदेश का ड्रीम प्रोजेक्ट कहा जाता है, पिछले कुछ समय से सुस्त रफ्तार के कारण चर्चा में है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना को लेकर हर किसी की नजरें टिकी हैं, लेकिन निर्माण कार्य में हो रही देरी ने सबको हैरान कर दिया है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक हाई-लेवल मीटिंग बुलाई, जिसमें जिम्मेदार कंपनियों से कड़े सवाल पूछे गए। आखिर देरी की वजह क्या है? कौन सी कंपनी इसकी जिम्मेदार है? और अब आगे का प्लान क्या है? चलिए, इस पूरे मामले को आसान और दोस्ताना अंदाज में समझते हैं।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट में देरी का कारण
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण पिछले कई सालों से चल रहा है, लेकिन तय समय पर काम पूरा न होने से सरकार और जनता दोनों नाराज हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस मुद्दे पर नाराजगी जताते हुए सोमवार को एक अहम बैठक की। इस बैठक में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (NIAL) और यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (YIAPL) के अधिकारियों को बुलाया गया। चर्चा के दौरान यह साफ हुआ कि टर्मिनल भवन के निर्माण में देरी की सबसे बड़ी वजह टाटा कंपनी है।
टाटा कंपनी को इस प्रोजेक्ट का एक अहम हिस्सा सौंपा गया था, लेकिन उनकी ओर से काम की गति उम्मीद से काफी कम रही। इसके अलावा, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट जैसे जरूरी कामों में भी ढिलाई बरती गई, जिसकी जिम्मेदारी YIAPL पर डाली गई। बैठक में इन दोनों कंपनियों से सख्त लहजे में जवाब मांगा गया और सीएम ने साफ कर दिया कि अब कोई बहाना नहीं चलेगा।
सीएम योगी का अल्टीमेटम: “समय पर काम पूरा करो, वरना…”
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बैठक में साफ-साफ शब्दों में कहा कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट उनके लिए एक सपना है, और इसे पूरा करने में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने टाटा और YIAPL को अधूरे काम को जल्द से जल्द पूरा करने का अल्टीमेटम दिया। सीएम ने यह भी चेतावनी दी कि अगर तय समय पर काम पूरा नहीं हुआ, तो जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इसके साथ ही, सीएम ने एक नया प्लान भी तैयार किया। उन्होंने निर्देश दिए कि 15 मई तक टर्मिनल भवन को घरेलू उड़ानों और कार्गो सेवाओं के लिए तैयार किया जाए। वहीं, अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए टर्मिनल को 15 जून से 25 जून के बीच चालू करने का लक्ष्य रखा गया। यह साफ है कि सीएम इस प्रोजेक्ट को लेकर कोई समझौता नहीं करना चाहते।
NIAL के सीईओ का कैचअप प्लान: समय से पहले तैयारी

बैठक के बाद मंगलवार को NIAL के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने एक और मीटिंग की, जिसमें काम में तेजी लाने पर जोर दिया गया। डॉ. सिंह ने सभी संबंधित एजेंसियों से एक “कैचअप प्लान” मांगा, ताकि 15 मई तक टर्मिनल को घरेलू उड़ानों के लिए तैयार किया जा सके। इस प्लान में हर छोटी-बड़ी चीज को ध्यान में रखा गया, जैसे कि टर्मिनल में स्टील मोल्डिंग की समस्या, वाटर प्यूरीफिकेशन प्लांट की प्रगति, और सीवरेज सिस्टम का काम।
डॉ. सिंह ने कहा, “हमारा लक्ष्य साफ है। हमें मई तक घरेलू उड़ानें शुरू करनी हैं, और इसके लिए हर एजेंसी को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।” उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि हर काम की प्रगति पर नजर रखी जाए, ताकि कोई भी हिस्सा पीछे न छूटे।
जवानों की सुविधा का भी रखा ध्यान
एयरपोर्ट के निर्माण में देरी के साथ-साथ एक और अहम मुद्दा उठा- वह था सुरक्षा में तैनात सीआईएसएफ (सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स) के अविवाहित जवानों के रहने की व्यवस्था। बैठक में पता चला कि इन जवानों के लिए अभी तक परिसर में ठीक से इंतजाम नहीं किए गए हैं। इसे लेकर भी सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने सख्त रुख अपनाया।
उन्होंने कहा, “हमारे जवान एयरपोर्ट की सुरक्षा की रीढ़ हैं। उनके रहने की व्यवस्था में कोई कमी नहीं होनी चाहिए।” इसके लिए तुरंत बेहतर इंतजाम करने के निर्देश दिए गए, ताकि जवानों को किसी भी तरह की परेशानी न हो। यह कदम न सिर्फ प्रोजेक्ट की प्रगति के लिए जरूरी है, बल्कि यह भी दिखाता है कि सरकार हर पहलू पर ध्यान दे रही है।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट में देरी क्यों हो रही है देरी?
अब सवाल यह है कि आखिर इतने बड़े प्रोजेक्ट में देरी क्यों हो रही है? बैठक में कुछ प्रमुख कारण सामने आए:
- टर्मिनल भवन में स्टील मोल्डिंग की दिक्कत: टर्मिनल का ढांचा तैयार करने के लिए खास तरह की स्टील चाहिए, लेकिन इसकी सप्लाई में रुकावटें आईं। टाटा कंपनी इस काम को समय पर पूरा नहीं कर पाई।
- वाटर और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में सुस्ती: YIAPL को ये प्लांट बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन इनके निर्माण में भी देरी हुई। इससे एयरपोर्ट की बुनियादी सुविधाएं प्रभावित हुईं।
- समन्वय की कमी: अलग-अलग एजेंसियों के बीच तालमेल न होने से भी काम की रफ्तार धीमी पड़ी।
इन सबके बावजूद, सीएम योगी और NIAL की टीम अब इस प्रोजेक्ट को पटरी पर लाने के लिए दिन-रात एक कर रही है।
जुर्माने का डर: YIAPL पर बढ़ा दबाव

देरी की वजह से YIAPL पर आर्थिक दबाव भी बढ़ गया है। प्रोजेक्ट के समझौते के मुताबिक, अगर एयरपोर्ट 29 सितंबर 2024 तक शुरू नहीं हुआ, तो कंपनी को हर दिन 10 लाख रुपये का जुर्माना देना होगा। अगर मई 2025 तक संचालन शुरू होता है, तो YIAPL को करीब 24 करोड़ रुपये का जुर्माना भरना पड़ सकता है। यह रकम कंपनी के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है, और शायद यही वजह है कि अब काम में तेजी लाने की कोशिशें बढ़ गई हैं।
जनता को क्या मिलेगा फायदा?
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट सिर्फ एक हवाई अड्डा नहीं, बल्कि पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए एक नई उम्मीद है। इसके शुरू होने से कई फायदे होंगे:
- रोजगार के अवसर: एयरपोर्ट से लाखों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।
- कनेक्टिविटी में सुधार: दिल्ली-एनसीआर के साथ-साथ आसपास के जिलों की कनेक्टिविटी बेहतर होगी।
- आर्थिक विकास: व्यापार और उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे इलाके की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
हालांकि, ये सारे फायदे तभी मिलेंगे, जब प्रोजेक्ट समय पर पूरा हो। इसलिए सरकार और जनता दोनों की नजरें अब इस नए प्लान पर टिकी हैं।
आगे का रास्ता: क्या सच में मई तक शुरू होगा एयरपोर्ट?

सीएम योगी के सख्त रवैये और NIAL की कोशिशों को देखते हुए लगता है कि अब काम में तेजी आएगी। लेकिन सवाल यह है कि क्या सच में 15 मई तक घरेलू उड़ानें शुरू हो पाएंगी? इसके लिए कई चीजें जरूरी हैं, जैसे कि DGCA (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) से एयरोड्रम लाइसेंस मिलना। बताया जा रहा है कि यह लाइसेंस मई के अंत तक मिल सकता है।
अगर सब कुछ प्लान के मुताबिक हुआ, तो मई में घरेलू उड़ानें और जून में अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू हो सकती हैं। लेकिन अगर फिर से कोई अड़चन आई, तो यह प्रोजेक्ट एक बार फिर विवादों में घिर सकता है।
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आपकी राय क्या है? – नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट में देरी
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का इंतजार हर किसी को है। यह प्रोजेक्ट न सिर्फ उत्तर प्रदेश के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है। लेकिन देरी की खबरें थोड़ा मायूस करती हैं। आप क्या सोचते हैं? क्या सीएम योगी का नया प्लान कामयाब होगा? या फिर हमें अभी और इंतजार करना पड़ेगा? अपनी राय हमें जरूर बताएं।
इस बीच, सरकार और NIAL की टीम दिन-रात मेहनत कर रही है, ताकि यह सपना जल्द से जल्द सच हो सके। तो चलिए, उम्मीद रखते हैं कि जल्द ही हम नोएडा से आसमान की सैर कर पाएंगे!