नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट: हाई-स्पीड 4G और 5G कनेक्टिविटी की नई शुरुआत

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट: ग्रेटर नोएडा के यमुना सिटी में निर्माणाधीन नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर एयरपोर्ट) जल्द ही अपने यात्रियों और कर्मचारियों को अत्याधुनिक हाई-स्पीड मोबाइल कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए तैयार है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना में सऊदी अरब की प्रमुख डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी एसीईएस (ACES) ने मोबाइल नेटवर्क की जिम्मेदारी ली है।

कंपनी ने एयरपोर्ट परिसर में 4जी और 5जी टावरों की स्थापना शुरू कर दी है, जिससे न केवल एयरपोर्ट पर बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित होगी, बल्कि आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में भी नेटवर्क की समस्या का समाधान होगा।

नेटवर्क समस्याओं का अंत

जेवर क्षेत्र में एयरपोर्ट निर्माण के दौरान कई गांवों को विस्थापित किया गया, जिसके कारण पहले से स्थापित मोबाइल टावर हटा दिए गए। इससे स्थानीय लोगों को मोबाइल सिग्नल और इंटरनेट स्पीड की गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कॉल ड्रॉप, धीमी इंटरनेट स्पीड और सिग्नल की कमी ने ग्रामीणों के दैनिक जीवन को प्रभावित किया है।

एसीईएस ने इस समस्या को पहचाना और यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (YIAPL) के साथ मिलकर एक न्यूट्रल होस्ट मोबाइल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने का बीड़ा उठाया। इस इंफ्रास्ट्रक्चर के तहत सभी प्रमुख टेलीकॉम ऑपरेटरों जैसे जियो, एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया और बीएसएनएल की सेवाएं निर्बाध रूप से उपलब्ध होंगी। यह प्रणाली एयरपोर्ट पर यात्रियों को तेज और विश्वसनीय इंटरनेट सुविधा प्रदान करेगी, जिससे वे उड़ान की प्रतीक्षा के दौरान वीडियो कॉल, स्ट्रीमिंग और अन्य डिजिटल सेवाओं का आसानी से उपयोग कर सकेंगे।

एसीईएस और YIAPL के बीच 10 साल का अनुबंध

31 जनवरी 2024 को YIAPL और एसीईएस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के बीच 10 साल का अनुबंध हुआ। इस अनुबंध के तहत एसीईएस एयरपोर्ट पर अत्याधुनिक डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित कर रही है। कंपनी ने सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए उन स्थानों का चयन किया है जहां टावरों की स्थापना से एयरपोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

YIAPL के सीईओ क्रिस्टोफ श्नेलमैन ने कहा, “एसीईएस के साथ हमारी साझेदारी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को एक डिजिटल हब के रूप में स्थापित करेगी। यह यात्रियों को विश्वस्तरीय डिजिटल अनुभव प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”

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ग्रामीण क्षेत्रों के लिए उम्मीद की किरण

एयरपोर्ट के लिए तैयार किया जा रहा यह हाई-स्पीड नेटवर्क न केवल यात्रियों के लिए, बल्कि आसपास के गांवों के लिए भी वरदान साबित हो सकता है। जेवर और यमुना एक्सप्रेसवे के आसपास के गांवों में नेटवर्क की कमी के कारण स्थानीय लोग ऑनलाइन शिक्षा, डिजिटल भुगतान और संचार जैसे कार्यों में कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। एसीईएस द्वारा स्थापित टावरों से इन क्षेत्रों में सिग्नल की गुणवत्ता में सुधार होने की उम्मीद है।

स्थानीय निवासी रमेश कुमार ने बताया, “पिछले कुछ सालों से नेटवर्क की समस्या ने हमें बहुत परेशान किया है। अगर एयरपोर्ट के टावरों से हमें भी बेहतर नेटवर्क मिलता है, तो यह हमारे लिए बड़ी राहत होगी।”

तकनीकी विशेषताएं और सुविधाएं

एसीईएस द्वारा स्थापित नेटवर्क की कुछ प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

विशेषताविवरण
नेटवर्क प्रकार4जी और 5जी, न्यूट्रल होस्ट मॉडल
कवरेज क्षेत्रएयरपोर्ट परिसर और आसपास के 10-15 किमी के ग्रामीण क्षेत्र
टावरों की संख्या10-12 टावर (प्रथम चरण में), सुरक्षा मानकों के अनुरूप
डेटा स्पीड5जी नेटवर्क पर 1 जीबीपीएस तक, 4जी पर 100 एमबीपीएस तक
सुरक्षा उपायटावरों का स्थान चयन सुरक्षा प्रोटोकॉल के अनुसार, न्यूनतम हस्तक्षेप
ऑपरेटर सपोर्टजियो, एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया, बीएसएनएल जैसे सभी प्रमुख ऑपरेटरों के लिए समर्थन

भविष्य की योजनाएं

एसीईएस ने भविष्य में नेटवर्क कवरेज को और विस्तार देने की योजना बनाई है। कंपनी का लक्ष्य है कि 2026 तक एयरपोर्ट के आसपास के 20 किमी के दायरे में हाई-स्पीड इंटरनेट उपलब्ध कराया जाए। इसके अलावा, स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के तहत यमुना सिटी में भी डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की योजना है। इससे न केवल एयरपोर्ट, बल्कि पूरे क्षेत्र में डिजिटल कनेक्टिविटी में क्रांति आएगी।

सामाजिक और आर्थिक प्रभाव

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के शुरू होने से पहले ही इस तरह की पहल क्षेत्र के आर्थिक विकास में योगदान दे रही है। बेहतर कनेक्टिविटी से स्थानीय व्यवसायों, पर्यटन और रियल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही, ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल सेवाओं की पहुंच बढ़ने से शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में भी सुधार होगा।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

1. नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर हाई-स्पीड नेटवर्क कब शुरू होगा?

एसीईएस द्वारा टावरों की स्थापना का काम शुरू हो चुका है और अप्रैल 2025 में एयरपोर्ट के उद्घाटन के साथ ही हाई-स्पीड 4जी और 5जी नेटवर्क शुरू होने की उम्मीद है।

2. क्या आसपास के गांवों को भी इस नेटवर्क का लाभ मिलेगा?

हां, एयरपोर्ट के टावरों से आसपास के 10-15 किमी के क्षेत्र में नेटवर्क की गुणवत्ता में सुधार होने की संभावना है, जिससे ग्रामीणों को लाभ मिलेगा।

3. एसीईएस कौन सी तकनीक का उपयोग कर रही है?

एसीईएस न्यूट्रल होस्ट मॉडल के तहत 4जी और 5जी तकनीक का उपयोग कर रही है, जो सभी प्रमुख टेलीकॉम ऑपरेटरों को सपोर्ट करता है।

4. क्या यह नेटवर्क एयरपोर्ट की सुरक्षा को प्रभावित करेगा?

नहीं, टावरों का स्थान चयन सुरक्षा मानकों के अनुसार किया गया है, जिससे एयरपोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

5. इस परियोजना का अनुबंध कितने समय के लिए है?

YIAPL और एसीईएस के बीच 10 साल का अनुबंध हुआ है, जो 31 जनवरी 2024 से लागू है।

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर हाई-स्पीड कनेक्टिविटी की यह पहल न केवल यात्रियों के लिए एक नया अनुभव लाएगी, बल्कि जेवर और यमुना सिटी के निवासियों के लिए डिजिटल क्रांति का द्वार खोलेगी।

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