नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास बनेगी हाईटेक टाउनशिप, 7 गांव होंगे विस्थापित, जानिए किसानों को क्या मिलेगा

Greater Noida News। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रोजेक्ट के तीसरे चरण के तहत जेवर क्षेत्र में 7 गांवों की ज़मीन का शत-प्रतिशत अधिग्रहण किया जाएगा। इन गांवों के स्थान पर जेवर-खुर्जा मार्ग पर नई टाउनशिप विकसित की जाएगी, जिसका मुख्य उद्देश्य विस्थापित किसानों को बसाना है। परियोजना से करीब 18,000 परिवार प्रभावित होंगे, जिनके पुनर्वास की योजना प्रशासन द्वारा बनाई जा रही है।

7 गांव विस्थापित – नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट परियोजना के तीसरे चरण में जिन 7 गांवों को पूरी तरह हटाया जाएगा, उनमें थोरा, नीमका, ख्वाजपुर, रामनेर, बनवारीवास, साबौता और बंकापुर शामिल हैं। इन गांवों की जमीन को 100 प्रतिशत अधिग्रहित किया जाएगा। प्रशासन का कहना है कि किसानों को कोई असुविधा न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है।

प्रशासन और ग्रामीणों के बीच सहमति बन चुकी है, और किसानों ने टाउनशिप योजना को लेकर अपनी सहमति दे दी है। जल्द ही अधिग्रहण और पुनर्वास की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

टाउनशिप योजना का खाका तैयार, जेवर-खुर्जा रोड पर होगा विकास

जेवर-खुर्जा मार्ग पर बनने वाली यह टाउनशिप केवल आवासीय नहीं होगी, बल्कि इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, बाजार, सामुदायिक भवन और हरित क्षेत्र जैसी तमाम नागरिक सुविधाएं शामिल होंगी।

इस टाउनशिप का उद्देश्य सिर्फ ज़मीन अधिग्रहण के एवज में घर देना नहीं है, बल्कि ग्रामीणों को शहरी सुविधा युक्त जीवन देना है। बताया जा रहा है कि इस योजना का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है और इस सप्ताह से लोक सुनवाई भी शुरू की जाएगी।

2053 हेक्टेयर जमीन का और होगा अधिग्रहण

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास बनेगी हाईटेक टाउनशिप

एयरपोर्ट के तीसरे चरण के निर्माण कार्यों में और तेजी लाने के लिए 2053 हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि का भी अधिग्रहण किया जाएगा। इसमें 14 गांवों की जमीन शामिल होगी, जिनमें सबसे अधिक अधिग्रहण थोरा गांव की 577 हेक्टेयर भूमि का किया जाएगा।

यह भी पढ़े: Greater Noida News: बोड़ाकी रेलवे स्टेशन के सर्वे पर ग्रामीणों का हल्ला – जानिए क्यों भड़के लोग

Namo Bharat Train: दिल्ली से मेरठ तक अब सिर्फ़ 55 मिनट में!

प्रभावित गांवों में ये नाम शामिल हैं:

थोरा, नीमका, ख्वाजपुर, रामनेर, बनवारीवास, साबौता, बंकापुर, मुकीमपुर शिवारा समेत कुल 14 गांव।

एयरपोर्ट प्रशासन द्वारा अब तक 340 हेक्टेयर भूमि की पहचान कर ली गई है। लोक सुनवाई के बाद अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसी चरण में तीसरे रनवे का निर्माण भी प्रस्तावित है।

18 हजार परिवार होंगे प्रभावित, जनगणना की प्रक्रिया शुरू

प्रशासन के अनुसार, प्रस्तावित अधिग्रहण क्षेत्र के 14 गांवों में करीब 18,000 परिवार रहते हैं। इनमें से हर परिवार में औसतन 5 सदस्य हैं, और कुल जनसंख्या में 50% से अधिक पुरुष हैं।

इन गांवों में जनगणना और सामाजिक सर्वेक्षण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है ताकि विस्थापन और पुनर्वास की योजना को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाया जा सके।

प्रशासन का बयान: “लोक सुनवाई इसी सप्ताह से”

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास बनेगी हाईटेक टाउनशिप

एसडीएम जेवर अभय कुमार सिंह ने बताया कि

“वर्तमान में गणना प्रक्रिया चल रही है। इसके पूरा होते ही विस्थापन और पुनर्वास की योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा। इसी सप्ताह से 14 गांवों में लोक सुनवाई शुरू कर दी जाएगी। किसानों की आपत्तियों का निस्तारण कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।”

प्रशासन का दावा है कि योजना किसानों के हितों को ध्यान में रखकर बनाई गई है और विस्थापन को एक संवेदनशील प्रक्रिया के रूप में देखा जा रहा है।

क्या मिलेगा किसानों को? – नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट परियोजना के तीसरे चरण में विस्थापित होने वाले किसानों के लिए प्रशासन ने व्यापक पुनर्वास योजना तैयार की है। इस योजना का मकसद केवल ज़मीन लेना नहीं है, बल्कि प्रभावित परिवारों को बेहतर जीवन स्तर और भविष्य की स्थिरता देना है। प्रशासन की ओर से स्पष्ट किया गया है कि प्रभावित किसानों को निम्नलिखित सुविधाएं और अधिकार दिए जाएंगे:

आधुनिक टाउनशिप में आवास: प्रत्येक विस्थापित परिवार को जेवर-खुर्जा मार्ग पर विकसित की जा रही नई टाउनशिप में पक्के और आधुनिक मकान दिए जाएंगे। यह मकान शहरी डिज़ाइन पर आधारित होंगे, जिनमें साफ-सफाई, चौड़ी सड़कें, ग्रीन जोन, पेयजल, ड्रेनेज और स्ट्रीट लाइट जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

न्यायोचित मुआवज़ा: अधिग्रहित भूमि के बदले किसानों को मौजूदा सर्किल रेट के अनुसार उचित मुआवज़ा राशि प्रदान की जाएगी। यह मुआवज़ा सीधा बैंक खातों में ट्रांसफर किया जाएगा, जिससे पारदर्शिता बनी रहे। जिन किसानों की खेती पर निर्भरता है, उनके लिए आजीविका सहायता योजना पर भी विचार किया जा रहा है।

सामाजिक सुरक्षा और सरकारी योजनाओं का लाभ: प्रशासन का दावा है कि विस्थापित परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वास्थ्य बीमा योजना, श्रम कार्ड, पेंशन, और शिक्षा सहायता योजनाओं जैसे लाभ स्वतः मिलेंगे। साथ ही टाउनशिप के भीतर सामुदायिक केंद्र भी बनेंगे, जहां ग्रामीणों को सरकारी सेवाओं की जानकारी और मदद उपलब्ध कराई जाएगी।

स्वास्थ्य व शिक्षा सुविधा: नई टाउनशिप में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) और आधुनिक स्कूल बनाए जाएंगे ताकि विस्थापित बच्चों को शिक्षा में रुकावट न आए और परिवारों को स्वास्थ्य सुविधा के लिए दूर न जाना पड़े। सरकारी और निजी संस्थाओं के सहयोग से स्वास्थ्य शिविर और स्कॉलरशिप कार्यक्रम भी शुरू किए जा सकते हैं।

व्यवसाय और रोजगार के नए अवसर: एयरपोर्ट और उससे जुड़ी गतिविधियों से क्षेत्र में व्यापार और रोज़गार की संभावनाएं बढ़ेंगी। ग्रामीणों को स्किल डवलपमेंट प्रोग्राम के ज़रिए ट्रेंड किया जाएगा ताकि वे खुद का रोजगार शुरू कर सकें या नई नौकरियों के योग्य बन सकें।
प्रशासन द्वारा स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने की बात भी कही गई है, विशेषकर एयरपोर्ट निर्माण, सुरक्षा, सफाई, लॉजिस्टिक्स और रिटेल सेक्टर में।

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास बनेगी हाईटेक टाउनशिप, 7 गांव होंगे विस्थापित
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास बनेगी हाईटेक टाउनशिप

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास के मौजूदा गांव vs नई टाउनशिप

मापदंडवर्तमान गांवप्रस्तावित टाउनशिप
मकानकच्चे/अधपक्केपक्के, आधुनिक
पानी-बिजलीसीमित उपलब्धता24×7 सुविधा
स्कूलप्राथमिक तकइंटर+कॉलेज तक
अस्पतालदूरस्थपास में
आय स्रोतखेतीव्यवसाय + सेवा क्षेत्र
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास के मौजूदा गांव vs नई टाउनशिप

तकनीकी शब्दों की सरल व्याख्या

  • अधिग्रहण (Land Acquisition): सरकार द्वारा किसी सार्वजनिक परियोजना के लिए निजी या ग्रामीण जमीन को नियमों के तहत लेना।
  • पुनर्वास (Rehabilitation): विस्थापित लोगों को नए स्थान पर बसाने की प्रक्रिया।
  • लोक सुनवाई (Public Hearing): प्रभावित लोगों की राय और आपत्तियों को सुनने के लिए आयोजित बैठक।

निष्कर्ष: क्या यह योजना किसानों के लिए बेहतर साबित होगी?

नोएडा एयरपोर्ट प्रोजेक्ट उत्तर भारत की सबसे बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर योजनाओं में से एक है। इसमें आने वाले 7 गांवों का विस्थापन एक बड़ा फैसला है, लेकिन प्रशासन ने जिस तरह से सुनियोजित पुनर्वास की योजना बनाई है, वह इस परियोजना को मानव केंद्रित बनाती है।

अगर इस योजना को सही ढंग से लागू किया गया, तो यह सिर्फ विस्थापन नहीं बल्कि ग्रामीणों के लिए एक नई शुरुआत हो सकती है।

यह भी पढ़े: शाहबेरी मार्ग का चौड़ीकरण शुरू: 25 मार्च से जाम को कहें अलविदा, ये हैं नए रूट्स जो बचाएंगे आपका वक्त!

Leave a Comment