यमुना सिटी में जापानी और कोरियन सिटी की भव्य योजना: यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) ने उत्तर प्रदेश के औद्योगिक और आर्थिक विकास को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए एक महत्वाकांक्षी कदम उठाया है। प्राधिकरण ने यमुना सिटी में जापानी और कोरियन सिटी की स्थापना के लिए करीब 4000 हेक्टेयर भूमि का लैंडबैंक तैयार करने की योजना बनाई है। यह परियोजना न केवल विदेशी निवेश को आकर्षित करेगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार और बुनियादी ढांचे के विकास को भी बढ़ावा देगी।
यमुना सिटी में नया औद्योगिक क्रांति का दौर
यमुना प्राधिकरण की इस योजना का उद्देश्य नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट और यमुना एक्सप्रेसवे के आसपास के क्षेत्र को एक वैश्विक औद्योगिक केंद्र के रूप में स्थापित करना है। जापानी और कोरियन सिटी की स्थापना से इलेक्ट्रॉनिक्स, सेमीकंडक्टर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), ग्रीन हाइड्रोजन, सोलर एनर्जी, और ऑटोमोबाइल जैसे क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा मिलेगा। ये शहर न केवल औद्योगिक इकाइयों का केंद्र होंगे, बल्कि निवेशकों और कर्मचारियों के लिए आधुनिक आवास, स्कूल, अस्पताल, और बाजार जैसी सुविधाएं भी प्रदान करेंगे।
लैंडबैंक और अधिग्रहण की प्रक्रिया
यमुना प्राधिकरण ने सेक्टर 8, 10, 29, 30, 32, और 33 में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्राधिकरण का लक्ष्य किसानों की सहमति के साथ सुनियोजित ढंग से जमीन खरीदना है ताकि किसी भी तरह के विवाद से बचा जा सके। प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि सेक्टर 5 में जापानी और कोरियन सिटी के लिए विशेष रूप से 100-100 एकड़ जमीन पहले चरण में खरीदी जाएगी, जिसके बाद 500 एकड़ और जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा।
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निवेशकों का बढ़ता रुझान
जापान और कोरिया की कई प्रमुख कंपनियों ने इस परियोजना में रुचि दिखाई है। इन्वेस्ट यूपी पोर्टल के माध्यम से इन कंपनियों ने यमुना प्राधिकरण और उत्तर प्रदेश सरकार से संपर्क साधा है। विशेष रूप से सेमीकंडक्टर, AI उपकरण, और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में निवेश की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। इसके अलावा, एसएईएल कंपनी ने 8000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ बैटरी, सोलर सेल, और पावर प्लांट स्थापित करने की योजना प्रस्तुत की है, जिसे सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है।
आवंटियों के लिए राहत अभियान
यमुना प्राधिकरण ने उन आवंटियों के लिए भी राहत की घोषणा की है, जिन्हें कई साल पहले सेक्टर 18, 20, और 24 में प्लॉट आवंटित हुए थे, लेकिन अब तक कब्जा नहीं मिल सका। प्राधिकरण ने इन लंबित मामलों को निपटाने के लिए एक विशेष अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है। इसके तहत 220 केवी बिजलीघर का संचालन शुरू किया जाएगा और आवंटियों के नक्शे पास करने की प्रक्रिया को तेज किया जाएगा ताकि वे अपने प्लॉट पर निर्माण शुरू कर सकें।
परियोजना की प्रमुख विशेषताएं
विशेषता | विवरण |
---|---|
लैंडबैंक का आकार | 4000 हेक्टेयर, जिसमें जापानी और कोरियन सिटी के लिए विशेष क्षेत्र शामिल हैं। |
उद्देश्य | विदेशी निवेश, औद्योगिक विकास, और रोजगार सृजन। |
प्रमुख सेक्टर | सेक्टर 4A (कोरियन सिटी), सेक्टर 5A (जापानी सिटी), 8, 10, 29, 30, 32, 33। |
निवेश के क्षेत्र | सेमीकंडक्टर, AI, ग्रीन हाइड्रोजन, सोलर एनर्जी, ऑटोमोबाइल। |
आवासीय सुविधाएं | स्कूल, अस्पताल, बाजार, और उच्चस्तरीय सड़कें। |
अनुमानित लागत | जापानी और कोरियन सिटी के लिए 2544 करोड़ रुपये। |
अधिग्रहण की प्रक्रिया | किसानों की सहमति के साथ पारदर्शी और सुनियोजित। |
अन्य परियोजनाएं | रैपिड रेल, मेट्रो, और एक्सप्रेसवे जैसे कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट्स। |
भविष्य की संभावनाएं
इस परियोजना से यमुना सिटी न केवल एक औद्योगिक हब के रूप में उभरेगी, बल्कि यह क्षेत्र नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट और फिल्म सिटी के नजदीक होने के कारण निवेशकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनेगा। प्राधिकरण ने 10,000 करोड़ रुपये के इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड जारी करने की योजना बनाई है, जिससे रैपिड रेल, मेट्रो, और अन्य कनेक्टिविटी परियोजनाओं को गति मिलेगी। यह कदम यमुना सिटी को देश के सबसे बेहतर कनेक्टेड क्षेत्रों में से एक बनाएगा।
सामान्य प्रश्न (FAQ)
1. यमुना सिटी में जापानी और कोरियन सिटी क्या है?
यह यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) की एक परियोजना है, जिसके तहत सेक्टर 4A और 5A में जापानी और कोरियन कंपनियों के लिए विशेष औद्योगिक और आवासीय क्लस्टर विकसित किए जाएंगे।
2. लैंडबैंक का आकार कितना होगा?
प्राधिकरण 4000 हेक्टेयर भूमि का लैंडबैंक तैयार कर रहा है, जिसमें औद्योगिक, आवासीय, और बुनियादी ढांचा परियोजनाएं शामिल होंगी।
3. इस परियोजना से किसे लाभ होगा?
यह परियोजना विदेशी निवेशकों, स्थानीय निवासियों, और रोजगार चाहने वालों को लाभ पहुंचाएगी। साथ ही, यह क्षेत्र की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगी।
4. जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया कैसी होगी?
जमीन अधिग्रहण किसानों की सहमति के साथ पारदर्शी और सुनियोजित ढंग से किया जाएगा।
5. आवंटियों के लिए क्या राहत दी जा रही है?
सेक्टर 18, 20, और 24 में जिन आवंटियों को अब तक प्लॉट का कब्जा नहीं मिला, उनके लिए विशेष अभियान चलाकर नक्शे पास किए जाएंगे और बिजली कनेक्शन दिए जाएंगे।
6. इस परियोजना की अनुमानित लागत कितनी है?
जापानी और कोरियन सिटी के विकास के लिए 2544 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान है।
निष्कर्ष – यमुना सिटी में जापानी और कोरियन सिटी की भव्य योजना
यमुना सिटी में जापानी और कोरियन सिटी की स्थापना न केवल उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास को गति देगी, बल्कि यह क्षेत्र को वैश्विक निवेश का एक प्रमुख केंद्र बनाएगी। प्राधिकरण की पारदर्शी और सुनियोजित रणनीति, किसानों की सहमति, और निवेशकों के बढ़ते रुझान से यह परियोजना एक मील का पत्थर साबित होगी।
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